धौलपुर जिले की निनोखर ग्राम पंचायत के गांव गंगा दास का पुरा निवासी 17 वर्षीय सेवाराम की 16 फरवरी को गांव के नजदीकी अल्हेपुरा के पास बाइक स्लिप हो गई थी. जिसके बाद उसके सिर में गंभीर चोट आने से वो घायल हो गया था. परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर गए, जहां से उसे गंभीर हालत में हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया. उसके बाद परिजन सेवाराम को उपचार के लिए ग्वालियर ले गए. लेकिन वहां भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. तो परिजन सेवाराम को जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस ले गए. जहां बीती रात को सेवाराम ब्रेन डेड हो गया.
उसके परिजनों ने ब्रेन डेड होने के बाद सेवाराम के अंग दान कर दिए, जिसकी जिससे पांच लोगों को जीवनदान मिला है. इसलिए धौलपुर का सेवाराम अमर हो गया है. सेवाराम के शरीर के अंग अब पांच लोगों में धड़केंगे. सेवाराम तो अब इस दुनिया में नहीं रहा पर उसकी यादें रह गई हैं. लेकिन उसके माता पिता अब पांच लोगों में अपने बेटे को देखेंगे और वह अब पांच परिवारों का दुलार पाएगा. माता-पिता ने बड़े ही गर्व से अपने बेटे का नाम सेवाराम रखा और वह मरते मरते पांच लोगों की सेवा कर गया.
चिकित्सकों ने परिजनों को समझाया और अंगदान करने की अपील की. इस पर परिजन मान गए और उन्होंने सेवाराम के अंगों को दान कर दिया. जिससे पांच लोगों को नई जिंदगी मिली है. अंगदान करने के बाद सोमवार को एसएमएस अस्पताल जयपुर में चिकित्सा टीम ने उसे शहीद का दर्जा देते हुए उस पर पुष्पांजलि अर्पित की. जिसके बाद उसके शव को गांव गंगा दास के पुरा धौलपुर लाया गया. जहां ग्रामीणों ने भी उस पर पुष्पांजलि अर्पित की. यही नहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर परिजनों का आभार व्यक्त किया.
सेवाराम का शव गांव पहुंचा तो जहां एक तरफ लोगों में बेहद गम था वहीं दूसरी ओर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे, क्योंकि उनके अपने सेवाराम ने दुनिया को अलविदा कहते कहते पांच लोगों को नई जिंदगी दी है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 42 वां अंगदान हुआ हैं, जिसमे 17 वर्षीय गंगादास का पुरा धौलपुर निवासी सेवाराम के सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेन डेड होने पर परिवार ने दी अंगदान के लिए सहमति दी और हार्ट, लिवर, लंग्स व दो किडनियों के लिए परिवार ने सहमति दी.
धौलपुर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर समरवीर सिंह ने बताया कि अंतिम सांस लेते हुए उसने 5 लोगों को जीवनदान दिया. उसने अपना गुर्दा, हृदय, लिवर और फेफड़े दान कर 5 लोगों को जीवनदान दिया. श्रेष्ठ काम के लिए उसको और उसके परिजनों को बधाई देता हूं. हम उसके परिवार के लोगों को सलाम करते हैं और उन्हें हमेशा याद रखेंगे.