लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां अपने सरकारी आवास से अटल भूजल योजना के तहत डिजिटल भूजल रथ को फ्लैग ऑफ किया। यह डिजिटल रथ लोगों को भूगर्भ जल के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। यह पूरे देश और प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सप्ताह है। जलसंरक्षण के लिए जो पुरानी पद्धतियां थीं, उसके लिए हम अधिक से अधिक लोगों को जागरू करें। 10 जिलों के 26 विकास खण्डों की 550 ग्राम पंचायतों तक इन रथों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी।
यह वे जिले हैं जिसे केन्द्र सरकार ने लिया है। इन जिलों में कभी भूगर्भ जल की स्थिति चिंताजनक हुआ करती थी। पश्चिमी उप्र के चार जिले हैं। मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर और शामली है। वहीं बुंदेलखण्ड के छह जिले झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट हैं। इन दस जिलों के 26 ब्लाकों को के साढ़े पांच सौ ग्राम पंचायतों को केन्द्र में रखकर आगे जागरूकता अभियान को बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि केन्द्र ने अटल भूजल योजना के तहत 10 जिलों को शामिल किया लेकिन हम लोगों ने इस अभियान को पूरे प्रदेश में चलाए हैं। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे किनारों में 500 मीटर की दूरी के भीतर जल संरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। वर्षा जल संचयन के अनेक मॉडल प्रदेश में लागू किये गये हैं। पिछले पांच वर्षों के प्रयासों का परिणाम है 25 विकास खण्ड अति दोहित की श्रेणी से बाहर निकले हैं। अनेक क्षेत्रों में किये प्रयासों के बेहतर परिणाम आए हैं। भूगर्भीय जल पर हमारी निर्भरता कम से कम हो।
2017 से 20121 के मध्य में यूपी में पहली बार 35 जिलों में भूजल स्तर बढ़ा है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। अतिदोहित और क्रिटिकल की श्रेणी में आने वाले डार्क जोन के 82 ब्लॉक में से 25 ब्लॉक उस श्रेणी से बाहर आ गये हैं। यह भूजल के लिए उप्र से अच्छे संकेत हैं। इस मौके पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत अन्य लोग मौजूद रहे।