Patna : बिहार विधानसभा में प्रदेश के वित्त मंत्री सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज लंच ब्रेक के बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3 लाख 16 हजार 895 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट आकर से 38,169 करोड़ रूपये अधिक है। बजट में सबसे ज्यादा 61000 करोड़ रुपये शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किए जाएंगे बजट भाषण में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में 2 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 34 हजार 33 करोड़ रुपये अधिक है। बिहार के बजट में इस बार वृद्धि हुई है। उन्होंने राज्य के निरंतर विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया।
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शिक्षा पर सबसे अधिक राशि खर्च होगी
वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में शिक्षा पर 60 हजार 954 करोड़, स्वास्थ्य पर 20 हजार 335, ग्रामीण विकास पर 16 हजार 193, ऊर्जा के लिए 13 हजार 483 करोड़ रुपये, समाज कल्याण विभाग व अन्य विभागों पर 13 368 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पटना में महिला हाट की स्थापना की जाएगी। सभी पंचायतों में कन्या विवाह मंडप की स्थापना की जाएगी।
बजट भाषण में सम्राट चौधरी ने किये कई बड़े ऐलान
सम्राट चौधरी ने ऐलान किया है कि 534 प्रखंड़ों में से 358 प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से एक-एक डिग्री कॉलेज चाहे वो सरकारी हो या निजी खोले जाएंगे। 21 बाजार समिति के आधुनिकीकरण के लिए 1289 करोड़ की लागत से योजना लाई गई है। सभी बाजार समिति को कार्यशील किया जायेगा। 21 के बाद 17 अन्य बाजार समिति को जोड़ने का काम किया जायेगा। बिहार में एमएसपी पर अरहर, मूंग और उरद दाल को खरीदने का काम करेगी। सभी अनुमंडल-ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना होगी। सुधा के तर्ज पर सभी प्रखंडों में तरकारी सुविधा आउटलेट खोले जायेंगे। इसके लिए समिति का गठन किया जायेगा। गरीब कन्याओं के विवाह हेतु सभी प्रखंडों में कन्या विवाह मंडपों का निर्माण होगा। पटना में चलंत व्यायामशाला की स्थापना की जायेगी, इसमें प्रशिक्षक महिलाएं होंगी। शहरों में पिंक टॉयलेट की स्थापना होगी। सभी जिलों में बस स्टैंड को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जायेगा।
पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों को दोगुनी छात्रवृत्ति
बिहार सरकार ने पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति को दोगुना कर दिया है। इस योजना के तहत अब इन छात्रों को पहले की तुलना में दोगुनी आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके लिए सरकार ने 875 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। यह राशि छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
एससी-एसटी छात्रों के लिए बढ़ी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भी दोगुनी वृद्धि की गई है। इस योजना के तहत छात्रों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 260 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस निर्णय से बड़ी संख्या में एससी-एसटी छात्र लाभान्वित होंगे और उनकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री एससी-एसटी छात्रावास अनुदान में वृद्धि
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री एससी-एसटी छात्रावास अनुदान को भी दोगुना कर दिया है। पहले जहां यह अनुदान एक हजार रुपये था, वहीं अब इसे बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया गया है। इस कदम से उन छात्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो छात्रावासों में रहकर अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं।
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