नई दिल्ली। जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार यानी युसूफ खान सायरा बानो को छोड़कर कभी दूसरी बेगम ले आए थे. दिलीप कुमार जब अच्छे सेहतमंद होते हैं, तो ट्विटर पर उनकी तरफ से सायरा के फोटो के साथ लिखा आता है, ‘माई क्वीन’ वो भी इस उम्र में. दोनों की प्रेम कहानी भी काफी दिलचस्प है.
12 साल की उम्र से ही दीवानी थीं सायरा अपने इस सुपरस्टार की. सायरा बानो उन दिनों लंदन में पढ़ रही थीं. उनकी मम्मी नसीमा खुद भी बॉलीवुड की हीरोइन थीं. सायरा ने एक दिन दिलीप कुमार की फिल्म ‘आन’ देखी और उन्हें दिलीप साहब से प्यार हो गया. जब सायरा पैदा हुईं थीं, तब दिलीप साहब 22 साल के नौजवान थे. दोनों के बीच में उम्र का काफी गैप था. सायरा को एक तरफा इश्क हो चुका था. सायरा स्क्रीन इमेज की तरह ही काफी चुलबुली थीं. वह एक हीरोइन की बेटी थीं. घर में फिल्मी माहौल था और हर इच्छा पूरी होती थी. जब 1960 में ‘मुगल ए आजम’ का प्रीमियर मुंबई के मराठा मंदिर टॉकीज में हुआ, तो उनकी मां उनकी जिद के चलते उनको भी दिलीप कुमार की एक झलक दिखाने ले गईं, लेकिन अफसोस दिलीप कुमार नहीं आए. तब तक सायरा 16 की हो चलीं थी और फिल्मी दुनियां में करियर ही उनकी मंजिल थी.
पहली फिल्म मिली शम्मी कपूर के साथ ‘जंगली’ और पहली फिल्म से ही सायरा लोगों के दिलों में बस गईं. वह स्टार बन गईं, फिर तो एक के बाद एक उनको बड़े स्टार के साथ फिल्में मिलने लगीं, लेकिन पहली फिल्म से पहले ही एक दिन एक फंक्शन में उनको दिलीप कुमार साहब से रूबरू होने का मौका मिला. दिलीप कुमार ने उनको नोटिस किया और स्माइल किया. सायरा ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘उस वक्त उनको नोटिस करने से मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ गया कि मैं उन्हें इस लायक तो लगी कि उन्होंने एक स्माइल दी’. दिलीप कुमार को भी उनकी एक तरफा मोहब्बत की खबर लग चुकी थी, लेकिन दोनों तरफ के बीच 22 साल का जो गैप था. उसके चलते लगातार दिलीप कुमार उनके साथ फिल्में भी नकारते रहे. वैसे भी मधुबाला से लम्बे अफेयर, फिर एक दो नाकामयाब रिश्तों के बाद दिलीप कुमार का मन शादी करने का होता नहीं था, लेकिन सायरा ने पीछा नहीं छोड़ा, एक दिन दिलीप साहब को सायरा की बर्थडे पार्टी में बुलाया गया.
दिलीप साहब जब उनके बंगले पर पहुंचे, तो स्वागत के लिए सायरा ही आईं. दिलीप कुमार से हाथ मिलाते वक्त गहराई से आंखों में आंखें डालकर इस कदर देखा कि उस दिन दिलीप कुमार को वो एक कम उम्र लड़की के बजाय एक जवान औरत की तरह लगीं. दिलीप कुमार ने पूरा वाकया अपनी ऑटोबायोग्राफी में विस्तार से लिखा है. एक दिन खुद उन्होंने सायरा से उनके दिल का हाल पूछ लिया और बात बनती चली गई. 11 अक्टूबर 1966 को दोनों ने शादी कर ली. दिलचस्प आंकड़ा था, तारीख थी 11, सायरा 22 की थीं, दिलीप 44 के और साल था 66.
आसमां रहमान की एंट्री
दिलीप और सायरा की शादी के 15 सालों के बाद एक बड़ी घटना घटी. दिलीप कुमार की जिंदगी में आसमां रहमान की एंट्री हुई. दरअसल आसमां रहमान से दिलीप कुमार की मुलाकात एक क्रिकेट मैच के दौरान हैदराबाद के स्टडियम में उनकी बहनों फौजिया और सईदा ने करवाई. बताया कि हमारी दोस्त हैं और आपकी जबरदस्त फैन. आसमां शादीशुदा थीं और उनके 3 बच्चे थे. हैदराबाद की जानी मानी सोशलाइट थीं और खूबसूरत भी. इसके बाद वो अक्सर उनसे मिलने लगे. दिलीप कुमार को पता नहीं चलता कि उनके ट्रेवल प्लान इस लेडी को कैसे पता चल जाते थे. मुंबई छोड़कर दिलीप कुमार जहां भी जाते थे, देश में या विदेश में, उस शहर में आसमां कभी अकेले कभी अपने पति के साथ वहां मौजूद रहती थीं. रिश्ते सीरियस हो गए और दिलीप कुमार ने आसमां से निकाह कर लिया. ये 1981 की बात है. सायरा बानो ने जब ये खबर अखबार में पढ़ी तो उन्हें यकीन नहीं हुआ. अपने निकाह पर युसूफ साहब से सायरा ने ये वायदा मांगा था कि वो उनके रहते दूसरा निकाह नहीं पढ़ेंगे.
बॉलीवुड में भी बवाल हो गया था. प्राण की पत्नी और बीआर चोपड़ा की पत्नी खुलकर सायरा बानो के साथ आ गईं. शरद पवार भी मैदान में उतर गए. दिलीप कुमार के दोस्तों का भी दवाब बढ़ने लगा. माना जाने लगा कि लोगों ने अफवाह उड़ाई है कि सायरा बच्चे पैदा नहीं कर सकती, इसलिए दिलीप की बहनों ने उनकी दूसरी शादी की ये योजना बनाई थी, जबकि दिलीप कुमार ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा था कि 1972 में सायरा प्रेग्नेंट हुई थीं, वो एक लड़का था, लेकिन आठवें महीने में बच्चे के गले में नाल फंस गई, लेकिन डॉक्टर इसलिए सर्जरी नहीं कर पाए क्योंकि सायरा का ब्लड प्रैशर हाई था और बच्चा खो दिया. जो भी हो 2 साल के अंदर दिलीप कुमार आसमां को तलाक देने पर राजी हो गए और घर में सायरा बानो की वापसी हुई. तब से अब तक सायरा बानो ही उनका हमसाया हैं और उनके सुख दुख की साथी.