उत्तर प्रदेश के कानपुर में अंधविश्वास का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक निसंतान दंपति ने बच्चे की चाह में एक मासूम बच्ची को मारकर उसके शरीर का अंग खाया. इस घटना को सुनकर हर कोई सन्न रह गया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
कानपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी परशुराम ने पुलिस को पूछताछ में जो बताया उसे सुनकर सबके होश उड़ गए. परशुराम ने बताया कि शादी के कई साल बाद भी उनके यहां कोई संतान नहीं है. इस बात से वे परेशान रहा करते थे. कई जगह से इलाज भी कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
परशुराम के मुताबिक इसी दौरान एक दिन उसने रेलवे स्टेशनों पर बिकने वाली तंत्रमंत्र की किताब खरीद ली और उसे पढ़ना शुरू कर दिया. उसी किताब में उसने पढ़ा कि अगर किसी मासूम बच्ची के शरीर का अंग निसंतान महिला को खिलाया जाए तो वह महिला बच्चे को जन्म दे सकती है. इसलिए उसने 6 साल की मासूम बच्ची को बेरहमी से कत्ल किया. फिर उसका पेट फाड़कर अंग निकाला और उसे अपनी पत्नी सुनैना को खिला दिया.
एसपी ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की दीपावली की रात घाटमपुर इलाके से लापता हो गई थी. इस मामले में आरोपी अंकुल कुरील (20) और बीरन (31) को रविवार के दिन गिरफ्तार किया गया था. फिर मुख्य साजिशकर्ता परशुराम कुरील पकड़ा गया. अधिकारी ने कहा कि सोमवार को परशुराम को गिरफ्तार किया गया. पहले परशुराम ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश भी की, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया.
परशुराम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने अपने भतीजे अंकुल और उसके दोस्त बीरन को लड़की का अपहरण करने और उसके फेफड़ों को निकालने के लिए राजी किया था. वारदात के वक्त अंकुल और बीरन नशे में थे. उन दोनों ने लड़की का अपहरण उस वक्त किया, जब वह पटाखे खरीदने के लिए शनिवार की रात अपने घर से बाहर गई थी.
दोनों दरिंदे उसे पास के जंगल में ले गए. जहां उन्होंने लड़की को मारने से पहले उसके साथ बलात्कार किया था. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. कानपुर के DIG प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि काले जादू के कृत्य में लड़की के मारे जाने की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक सबूत जुटाने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों और स्निफर डॉग्स की मदद ली गई थी.
डीआईजी ने बताया कि लड़की शनिवार शाम को लापता हो गई थी, जब उसका परिवार दिवाली की पूजा के लिए तैयार हो रहा था. पहले जंगल के आसपास के इलाकों में फ्लैश लाइट्स का इस्तेमाल करते हुए बच्ची की तलाश की गई, लेकिन रात के दौरान उसका पता नहीं चला. उसका शव रविवार की सुबह जंगल से गुजर रहे कुछ ग्रामीणों ने देखा और पुलिस को सूचना दी. एक पेड़ के पास उसकी चप्पल और कपड़े बरामद किए गए थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जघन्य अपराध के मामले में अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने का भी निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिले.