पटना। राजधानी पटना से सटे नौबतपुर से एक दिल-दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक भतीजी ने गुरुवार सुबह संपत्ति के लालच में अपनी चाची और चचेरे भाई को जिंदा जलाकर मार डाला। घटना की सूचना मिलते ही गांव के लोग उग्र हो गए और घर में बंद कर भतीजी की जमकर पिटाई की। घटना गुरुवार सुबह नौबतपुर थाना अंतर्गत करणपुरा गांव की है।
मरने वालों की पहचान शांति देवी (70) और उनका गोद लिया हुआ बेटा अविनाश कुमार (12) के रूप में हुई है। गांव के लोगों ने इसकी सूचना नौबतपुर थाने को दी। सूचना मिलते ही नौबतपुर थाने की पुलिस ने भतीजी माधुरी देवी को लोगों के बीच से निकालकर अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस ने महिला शांति देवी एवं उनके बेटे अविनाश कुमार के शव को घर से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
नौबतपुर पुलिस के मुताबिक पैसा मांगने पहुंची भतीजी माधुरी देवी (32) को जब रुपये नहीं मिले तो उसने केरोसिन छिड़क कर चाची और चचेरे भाई को जला डाला। आग लगने से तड़पते मां और बेटा जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे। इस दौरान माधुरी ने उनको एक कमरे में बंद कर दिया। वहां उनकी जलकर मौत हो गई। कमरे में सिर्फ राख मिली। आग की लपट और गंदे महक पर गांव के लोग वहां जमा हो गए और आक्रोशित लोगों ने भतीजी की जमकर पिटाई शुरू कर दी।
गांव के लोगों ने बताया कि अभी लगभग 10 दिन पूर्व शांति देवी का एक प्रॉपर्टी बिका था, जिसमें उन्हें लगभग चार करोड़ रुपये मिले थे । पैसे को लेकर माधुरी देवी शांति देवी से उसमें हिस्सा चाह रही थी। इस बात को लेकर शांति देवी और माधुरी देवी के बीच कई बार विवाद भी हुआ। माधुरी देवी का यह मानना था कि शांति देवी का बेटा अविनाश कुमार गोद लिया बच्चा है, इसलिए वह उनके प्रॉपर्टी का वारिस नहीं बन सकता है। पूरे प्रॉपर्टी का मालिक माधुरी देवी खुद बनना चाह रही थी। ऐसे में जब शांति देवी ने इसका विरोध किया तो गुस्सा में आकर माधुरी देवी ने अपनी चाची शांति देवी और उनके गोद लिए बेटे अविनाश कुमार को गुरुवार की अहले सुबह कमरे में बंद करके तेल छिड़ककर आग लगा दी।
पुलिस का यह मानना है कि माधुरी देवी ने ही शांति देवी और उनके गोद लिए पुत्र अविनाश कुमार की जलाकर हत्या कर डाली है। इस मामले में सुधा कुमारी ने भी उनका साथ दिया है। सब कुछ जानते हुए भी माधुरी देवी की बेटी सुधा कुमारी ने अपनी मां की इस करतूत को रोकने का प्रयास नहीं किया। जिसे लेकर पुलिस भी सुधा कुमारी को इस हत्या मामले में अभियुक्त बना सकती है। गांव के लोगों ने यह भी बताया कि माधुरी देवी के तीन बेटों में सोनू कुमार , मोनू कुमार एवं सनी कुमार ने भी अपनी मां का साथ दिया और घटना के बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए ।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक शांति देवी के पति लाल दास तीन भाई थे। तीनों भाइयों में (लाल बहादुर, गुहारी दास एवं लाल दास) से किसी को कोई बेटा नहीं था। लाल दास अग्निशमन दस्ते से सेवानिवृत्त होने के बाद एक वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो चुकी है। घर में कोई बेटा नहीं रहने के कारण लाल दास ने लगभग 12 वर्ष पूर्व अनाथ आश्रम से अविनाश कुमार को गोद लेकर अपने घर ले आए थे। लाल दास की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी शांति देवी बेटे अविनाश कुमार को अपने पूरे परिवार का वारिस समझते थे। यह बात लाल बहादुर की बेटी माधुरी देवी को खटकने लगा था। माधुरी देवी की शादी मसौढ़ी में हुई थी और उनके चार बच्चे हैं। माधुरी देवी के पति रविंद्र पासवान बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है।