इंडोनेशिया के बाली के पूर्वी हिस्से में सुंबा नाम के एक टापू पर कई तरह की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं का पालन किया जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से यहां की एक विवादित परंपरा के चलते ये टापू काफी सुर्खियों में है. दरअसल सुंबा में अगर किसी शख्स को कोई महिला पसंद आ जाती है तो वो उसका अपहरण कर सकता है और अक्सर इन मामलों में महिला को व्यक्ति से जबरदस्ती शादी करनी पड़ती है.
इस प्रथा के मुताबिक, लड़के के रिश्तेदार उसके साथ मिलकर लड़की का अपहरण कर लेते हैं और इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाता है. हालांकि इस शादी में महिला की मर्जी ना के बराबर होती है और अक्सर ऐसी शादियों में महिलाओं के भविष्य को लेकर सपने चकनाचूर हो जाते हैं और ये मानसिक तौर पर उन्हें काफी नकारात्मक तौर पर प्रभावित करता है.
इस टापू पर लगभग साढे़ सात लाख लोग रहते हैं और इस प्रथा को मानवाधिकार समूह और कई वीमेन राइट्स ग्रुप भी प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं. हालांकि इसके बावजूद अब भी सुंबा के कुछ इलाकों में ये परंपरा बदस्तूर जारी है. हालांकि इस साल दो महिलाओं के अपहरण की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिसके बाद से इंडोनेशिया की सरकार इस प्रथा को खत्म करने पर ध्यान दे रही है.
ऐसे अपहरण की ज्यादातर वारदातों में महिलाओं के पास खास ऑप्शन नहीं होता है क्योंकि वे अगर शादी से इनकार कर भी दें तो उन्हें सुंबा समाज में बुरा-भला कहा जाता है और लोग अक्सर इन महिलाओं को गलत बताते हैं और उन्हें दुत्कारा जाता है और कहा जाता है कि उनकी अब कभी शादी नहीं होगी. ऐसे में कई महिलाएं डर की वजह से भी इन शादियों को नहीं तोड़ती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रथा के चलते इस क्षेत्र में बाल विवाह की घटनाएं भी काफी तेजी से बढ़ी हैं.
इंडोनेशिया की मिनिस्टर बिनतैंग ने कहा था कि यहां के धार्मिक लीडर्स से बातचीत करने के बाद सामने आया है कि महिलाओं का अपहरण कर उनसे शादी कर लेना किसी भी लिहाज से सुंबा की महान परंपरा से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि ये प्रथा मानसिक और शारीरिक तौर पर महिलाओं का शोषण करती है और मॉर्डन दौर में इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने के प्रयास किए जाएंगे क्योंकि ये पूरी तरह से महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है.