Ranchi : राजधानी रांची की लचर और बेकार ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट ने सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये कोर्ट ने मंगलवार को मौखिक कहा कि सरकार के शपथ पत्र में कहा गया था कि 15 जून से रांची शहर में अतिरिक्त 500 होमगार्ड जवान ट्रैफिक संभालने को लगाये जायेंगे, कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी अदृश्य हो गये। कोर्ट ने कहा कि अब शपथ पत्र से काम नहीं चलेगा। शपथ पत्र में लिखी गई बातें बेमानी हो चुकी हैं। कोर्ट ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जताई कि केवल 900 ई-रिक्शा को परमिट मिला है, वहीं शहर में साढ़े चार हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार को निर्धारित की है।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में ट्रैफिक लाइट कई जगहों पर खराब है। ट्रैफिक जाम की अभी भी वही हालत है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी तेज धूप में खड़े रहते हैं, ट्रैफिक पोस्ट का कोई इंतेजाम नहीं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर रहने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट जब भी आदेश देता है तो आनन-फानन में दो-तीन दिनों तक ट्रैफिक कंट्रोल की पहल होती है, लेकिन फिर एक सप्ताह के बाद बात आई-गई हो जाती है।
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