Lucknow : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है, तो उसकी आने वाली पीढ़ियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। यह निर्णय हाल ही में इन्वेस्ट यूपी में सामने आए एक बड़े भ्रष्टाचार मामले के बाद लिया गया है, जिसमें एक आईएएस अधिकारी समेत कई लोग शामिल हैं।

भ्रष्टाचार का मामला कैसे उजागर हुआ?
यह मामला तब सामने आया जब उद्यमी विश्वजीत दत्त ने इन्वेस्ट यूपी के माध्यम से राज्य में सोलर सेल और सोलर ऊर्जा से जुड़ी इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन किया। आवेदन प्रक्रिया के दौरान, एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें निकांत जैन नामक व्यक्ति से संपर्क करने का सुझाव दिया। जब दत्त ने जैन से संपर्क किया, तो उसने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए 5% एडवांस रकम की मांग की और धमकी दी कि यदि रकम नहीं दी गई, तो फाइल अटक जाएगी।
विश्वजीत दत्त ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया और सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। इसके बाद, सीएम योगी ने मामले की गोपनीय जांच का आदेश दिया। जांच में आरोपों की पुष्टि होते ही आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया और निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीएम योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कहा, “भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को ऐसी सजा दी जाएगी कि उनकी सात पीढ़ियों तक को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। यूपी में कोई भी भ्रष्टाचार करेगा, तो उसकी आने वाली पीढ़ियों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।”
भ्रष्टाचार के खिलाफ यूपी सरकार का कड़ा रुख
योगी सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार के प्रति कितनी गंभीर है। इन्वेस्ट यूपी जैसे संस्थानों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य के अन्य विभागों में भी भ्रष्टाचार पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है।
उद्यमियों का बढ़ा विश्वास
सीएम योगी के इस सख्त फैसले से उद्यमियों का विश्वास बढ़ा है। विश्वजीत दत्त ने कहा कि यूपी में निवेश के लिए उनका ग्रुप पहले से ही प्रतिबद्ध था, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उन्हें दूसरे राज्यों में जाने का मन बना लिया था। हालांकि, सरकार की त्वरित कार्रवाई और सख्त रुख ने उन्हें यूपी में ही निवेश करने के लिए प्रेरित किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि यूपी में अब भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। सीएम योगी के इस सख्त रुख से यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में निवेश का माहौल और बेहतर होगा और भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी।