मुंबई। मुंबई के उपनगर दहिसर में अपहरण का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक भतीजे ने अपने चाचा को अगवा किया और उसे बांधकर जंगल में फेंक आया. किस्मत से पीड़ित चाचा किसी तरह रेंगते हुए जंगल के बीच से होकर जा रही सड़क तक पहुंचा. जहां कुछ राहगीरों ने उसे देखकर पुलिस को सूचना दी. तब जाकर उसकी जान बची. पुलिस ने आरोपी भतीजे को भी गिरफ्तार कर लिया है.
दहिसर पुलिस के मुताबिक आरोपी वनवेश्वर मंडल ने इस वारदात को अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया. पुलिस ने भतीजे मंडल और उसके पांच अन्य दोस्तों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है. भतीजे मंडल ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर चाचा सबरा को कुबेर पैलेस इलाके से अगवा कर एक टेंपो में डाल दिया था. फिर उसके हाथ, पैर और मुंह कपड़े और रस्सी से बांधे थे.
बाद में आरोपियों ने उसे आनंद नगर के जंगल में फेंक दिया गया और आरोपी वहां से फरार हो गए. किसी तरह रेंगते हुए पीड़ित सबरा जंगल से गुजरने वाली सड़क के पास आ गए. वहां से गुजर रही एक महिला ने उसे देखा और बचाव के लिए पुलिस को फोन किया. तब जाकर पुलिस मौके पर पहुंची.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक देर रात आरोपी के चाचा जिनियाल सबरा को रेस्क्यू कर लिया गया. फिलहाल उन्हें इलाज के लिए भगवती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि चाचा अभी बोलने की हालत में नहीं है. पुलिस ने बताया कि अपहरण की वारदात को पैसे के विवाद को लेकर अंजाम दिया गया.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार सबरा और मंडल उड़ीसा के रहने वाले हैं और वर्तमान में मुंबई में किसी साइट पर काम कर रहे हैं. वहीं पैसों के विवाद को लेकर हाल ही में दोनों के बीच कई झगड़े हुए थे. पुलिस के अनुसार जब सबरा को बचाया गया तो वह बोलने की स्थिति में नहीं था, उन्हें कागज की एक चिट मिली जिसमें कुछ नंबर थे. पुलिस ने एक नंबर पर डायल किया तो वह नंबर आरोपी मंडल का निकला.
आरोपी वनवेश्वर मंडल ने पुलिस को बताया कि सबरा को गिरफ्तार कर लें. जब पुलिस ने मंडल को थाने आने के लिए कहा तो उसने अपना फोन बंद कर लिया. इसके बाद मोबाइल फोन लोकेशन के आधार पर पुलिस ने मंडल को मलाड से ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया