मरीज़ की स्थिति बेहद गंभीर थी क्योंकि घाव बड़ा होने के चलते उसका काफी खून बह चुका था. घायल शख्स को आपसी रंजिश में कुछ युवकों ने चाकू मार दिया था. मरीज़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत उसकी सर्जरी कर सीने में फंसे चाकू को निकालने का फैसला किया. ट्रॉमा एंड इमरजेंसी विभाग के हेड डॉक्टर मोहम्मद यूनुस और उनकी टीम ने सर्जरी शुरू की.
सीने में फंसे चाकू को करीब आधे घंटे तक चली सर्जरी के बाद सीने से निकाल दिया. डॉक्टर मोहम्मद यूनुस के मुताबिक मरीज़ की किस्मत अच्छी थी कि चाकू सीने में जिस जगह घुसा वहां से सिर्फ 2 इंच की दूरी पर दिल था और यदि चाकू सिर्फ 2 इंच दाईं तरह होता तो दिल मे घुस जाता या फिर दिल को खून पहुंचाने वाली महत्वपूर्ण धमनियों को काट देता जिससे मरीज़ की मौत होना तय था.
डॉक्टर मोहम्मद यूनुस के मुताबिक इस सर्जरी को डॉक्टर विक्रम बट्टी, डॉक्टर भुपेश्वरी पटेल, डॉक्टर शैलेश और डॉक्टर राहुल दुबेपुरिया की टीम ने अंजाम दिया.