नई दिल्ली: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भोलेनाथ भगवान शिव का अंशावतार होने की वजह से हनुमान जी भी शिवजी की ही तरह जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं. साथ ही ये भी मान्यता है कि हनुमान जी इस कलयुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात देव हैं और कलयुग में हनुमान जी की भक्ति लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम है. यही कारण है कि देशभर में हनुमान जी के ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां उनके अद्भुत रूपों के दर्शन होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां की प्रतिमा एक दिन में ही तीन बार अपना रूप बदलती हो.
आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ही प्राचीन और अद्भुत हनुमान मंदिर के बारे में जहां की प्रतिमा खुद ब खुद रूप बदलती है और वह 24 घंटे में तीन बार . मध्यप्रदेश के मंडला जिले से 3 किलोमीटर दूर पुरवा गांव के पास स्थित एक जगह है सूरजकुंड. यहां नर्मदा नदी के तट पर मौजूद है हनुमान जी का ये अद्भुत और बेहद प्राचीन मंदिर जहां भगवान के दर्शन के लिए हजारों की तादाद में लोग आते हैं. इसका कारण ये है कि ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की आदमकद प्रतिमा 24 घंटे में तीन बार अपना रूप बदलती है.
इस हनुमान मंदिर के पुजारी की मानें तो सुबह 4 बजे से 10 बजे तक मंदिर में स्थापित प्रतिमा बाल स्वरूप में होती है, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक युवा स्वरूप में और शाम 6 बजे से पूरी रात वृद्ध स्वरूप में रहते हैं हनुमान जी. पुजारी के साथ ही स्थानीय लोगों का भी यही मानना है कि यह घटना पूरी तरह से प्राकृतिक यानी ईश्वर की मर्जी से होने वाली घटना है और ऐसा होने के पीछे कारण या कहानी क्या है, यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है.