मेरठ। व्यापार में आने वाली समस्याओं को लेकर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के बैनर तले व्यापारियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन की अभिहित अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के समाधान की मांग उठाई।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज स्थित अभिहित अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है। मल्टीनेशनल कंपनियों के ऑनलाइन सप्लाई किए जा रहे खाद्य पदार्थों की क्वालिटी की जांच बाजारों में दुकानकारों के भरे जा रहे सेंपलिंग के समान अनुपात में की जाए। ऑनलाइन फूड सप्लाई करने वाले डिलीवरी मैन के लिए भी फूड लाइसेंस अनिवार्य किया जाए। लाइसेंस रिन्युअल में विलंब शुल्क लाइसेंस की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद ही लगाया जाए।
व्यापारियों ने कहा कि पैकिंग के सामान का सेंपल फेल होने पर रिटेलर को गवाह मानकर मुकदमा चलाया जाए, क्योंकि पैकिंग के सामान में रिटेलर कोई मिलावट नहीं कर सकता। सजा और जुर्माना पैकिंग करनेवाले पर ही लगाया जाए। फूड एक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक जिले में एक ही रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी बनाई जाए। व्यापारियों को निःशुल्क ट्रेनिंग कराई जाए। निर्माताओं से मांगी जा रही सालाना रिटर्न ऑडिट की अनिवार्यता समाप्त की जाए। खाद्य पदार्थों के सेंपल फेल होने पर बाट माप विभाग या एफडीए किसी एक ही विभाग द्वारा सजा दी जाए। दोनों विभागों द्वारा समाज दिया जाना उचित नहीं है। लोकेश अग्रवाल ने कहा कि शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था की जाए। इस अवसर पर निशांक अग्रवाल, राजकुमार त्यागी, विकास कुमार आदि उपस्थित रहे।