भोपाल। चाइल्स राइट्स एंड यू (CRY) संस्था ने ‘कोविड और खोता बचपन : 5 राज्यों की स्टेटस रिपोर्ट’ शीर्षक से एक स्टडी जारी की, जो मध्य प्रदेश के लिए खासी चिंता का विषय बन गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जुलाई 2020 के बीच मध्य प्रदेश से 5446 बच्चों के गायब होने की बात कही गई. अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के मौके पर क्राय ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए यह भी कहा कि 80% फीसदी मामलों में गुमशुदा होने वाले बच्चों में लड़कियां रहीं. एक और फैक्ट चिंताजनक है कि जिन पांच उत्तरी राज्यों को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की गई, सबसे खराब आंकड़े एमपी के मिले.
एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि महामारी के चलते स्कूल छोड़ने वाले बच्चों, बाल विवाहों, अनाथ बच्चों की संख्या के साथ ही चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले भी बढ़े. लापता बच्चों के बारे में और ज़्यादा मुस्तैदी और त्वरित एक्शन की ज़रूरत महसूस की गई.’
क्राय की रीजनल डायरेक्टर सोहा मोइत्रा ने कहा ‘गायब हुए बच्चों में से 89% लड़कियों का होना, 84% लापता बच्चों का 12 से 18 साल के बीच होना, इस तरह का डेटा साफ तौर पर मांग करता है कि इसे खतरे की घंटी समझकर जल्द कारगर कदम उठाए जाएं.’ गायब बच्चों के देश भर के डेटा को भी आखिर में जानिए.