नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण फिर चिंता पैदा करने लगा है. अक्टूबर के महज दस दिनों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक से बढ़कर सामान्य स्थिति में पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता का स्तर लगातार खराब होने के साथ प्रदूषण में इजाफा हो रहा है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) रविवार को ‘मध्यम’ श्रेणी में रही, लेकिन अगले तीन दिनों में इसके ‘खराब’ श्रेणी में आने की संभावना है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार को राजधानी का सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 168 रहा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW) की कार्यक्रम सहयोगी एल एस कुरिंजी ने कहा, ”पिछले तीन दिनों से दिल्ली की वायु में मौजूद PM 2.5 का स्तर बढ़ रहा है. इसका कारण दिल्ली में प्रदूषण के स्त्रोत जैसे परिवहन और उद्योगों एवं बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन का बढ़ना है.
बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है.
वहीं, पंजाब और हरियाणा के खेतों में आग लगना भी दिल्ली में वायु प्रदूषण का कारण बन रहा है. दरअसल, 01 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच पंजाब और हरियाणा में 676 और 193 से अधिक आग लगने की बात सामने आई है. उन्होंने आगे बताया कि पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और पटियाला और हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और अंबाला में बड़े पैमाने पर खेत में आग देखी गई है.
कुरिंजी ने कहा, “आने वाले हफ्तों में, सिर्फ स्थानीय और क्षेत्रीय स्रोतों से उत्सर्जन ही वायु गुणवत्ता में गिरावट का कारण बनेगा. इसलिए, दिल्ली सरकार को एयर क्वालिटी फोरकास्ट का उपयोग करना चाहिए और शहर में खराब वायु गुणवत्ता (Air Quality) की स्थिति को रोकने के लिए पहले से ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करना चाहिए.”
वहीं, वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (SAFAR) ने कहा, “AQI PM10 के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में है, जिसका कारण है शुष्क परिस्थितियों में स्थानीय और क्षेत्रीय धूल के साथ-साथ अग्नि उत्सर्जन का होना. ऐसी ही शुष्क परिस्थितियों की उपस्थिति के साथ अग्नि उत्सर्जन और धूल निलंबन दोनों इसे और खराब करने वाले हैं.”
सीपीसीबी (CPCB) की वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा कि उत्तर और उत्तर-पश्चिम से आ रही हवा पूरे उत्तरी मैदानी इलाकों में AQI को प्रभावित करेगा. वहीं, दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार एक्शन में है. दिल्ली सरकार ने हाल ही में धूल प्रदूषण के सेल्फ असेसमेंट को लेकर पोर्टल लॉन्च किया है. जिसके जरिए निर्माण कार्य के वक्त तय नियमों को पूरा करने की ऑनलाइन जानकारी देनी होगी.