एटा। जिले के मिरहची कस्बा में शनिवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद दूसरे दिन रविवार को भी सन्नाटा देखा गया। एक साथ सात मौतों से थर्राए विस्फोट स्थल तकिया मोहल्ले के अधिकतर घरों में दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले। इस सन्नाटे को रह-रहकर आने वाले सम्बन्धियों के रोने की आवाजें तोड़ रही हैं। हादसे में 10 लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है।
इस विस्फोट के बाद सबसे बुरी हालत तो लाइसेंसधारक मुन्नी देवी के परिवार की है। मुन्नी देवी के पति लालाराम की करीब 6 वर्ष पूर्व, उसके 2 पुत्रों की करीब 2 वर्ष पूर्व नहर में नहाते समय मौत हो चुकी है। अब मुन्नीदेवी की मौत शनिवार को इस हादसे में हुई है। उसकी एकमात्र बची बेटी पूजा विस्फोट में गंभीर रूप से घायल है तथा सैफई में जीवन से संघर्ष कर रही है।
मिरहची विस्फोट मामले की प्राथमिकी मिरहची थाने में देर रात एसएसआई सत्यवीर सिंह मलिक ने इस हादसे में मृत लाइसेंसधारक मुन्नी देवी के खिलाफ दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि उसने चोरी-छिपे गोदाम से लाकर पटाखों को अपने घर पर रखा और उन पर पन्नी चढ़ाते समय विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में लाइसेंसधारक का अपना मकान तो ध्वस्त हुआ ही, आसपास के करीब आधा दर्जन मकानों में दरारें पड़ गईं।
एसडीएम सदर की जांच में सामने आया है कि इस फैक्ट्री का लाइसेंस मार्च 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसी परिवार के गिर्राजसिंह के पास भी एक लाइसेंस है किन्तु वह भी मार्च में समाप्त हो चुका है। आयुध विभाग के अनुसार जिले के 31 आतिशबाजों में 17 के लाइसेंस मार्च 2019 में, 2 के मार्च 2017 में, 2 के मार्च 2016 में तथा 2 के वर्ष 2013 व 15 में समाप्त हो चुके हैं। इनमें चार को छोड़कर किसी ने अपना नवीनीकरण नहीं कराया है।