देहरादून। देवभूमि में बारिश ने कोहराम मचा रखा है। क्या पर्वतीय इलाके और क्या मैदानी क्षेत्र? हर तरफ बारिश के कारण त्राहि-त्राहि मची हुई है। नदी-नाले जहां उफान हैं वहीं भारी-भूस्खलन से आम और खास के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। कहीं तटबंध और पुल टूट रहे तो कहीं बारिश-भूस्खलन लोगों की जिंदगी लील रहा है। इसके कारण सामान्य सड़कें और बदरीनाथ धाम हाइवे जगह-जगह अवरुद्ध हैं। हालांकि उत्तराखंड शासन-प्रशासन तो मुस्तैद है, लेकिन दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश और हिमाचल में फंसे लोगों के सहायता को फोन नम्बर्स भी जारी कर दिए हैं, लेकिन मौसम विभाग की एक बार फिर रेड अलर्ट की चेतावनी से लोग सहमे हुए हैं। आपदा केंद्र के अनुसार अब तक राज्य में 17 लोगों की मौत हुई और 18 लोग घायल हुए हैं। उधर, भूस्खलन के भय से बुधवार को रुद्रप्रयाग के औण गांव के ग्रामीणों ने गांव खाली करना शुरू कर दिया है।
राज्यपाल ने बुधवार को सचिवालय स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण कर अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने आज प्रदेश विभिन्न स्थानों और हिमाचल प्रदेश में फंसे लोगों के सहायता के लिए आपदा राहत नम्बर्स और व्हाट्स एप नंबर जारी किये हैं।
देहरादून जिला आपदा परिचालन केन्द्र के अनुसार जिले में कुल 44 मार्ग अवरुद्ध हैं। इनमें 04 राज्य मार्ग लोनिवि अस्थाई खण्ड चकराता अन्तर्गत दारागाड़-कथियान-त्यूनी मोटर मार्ग, साहिया, क्वानू मोटर मार्ग, हरिपुर इच्छाड़ी क्वानू मिनस मोटर मार्ग, मीनस अटाल मोटर मार्ग शामिल हैं। पुरोड़ी- रावना-डाम्टा मुख्य जिला मार्ग भी अवरुद्ध है। विद्युत व्यवस्था सुचारु है। चकराता और कालसी में कुछ क्षेत्रों में पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त है। इसे सुचारु करने की कार्रवाई की जा रही है। गंगा नदी का जलस्तर 338.17, यमुना का जलस्तर 452.62, टोन्स नदी का जलस्तर 633.60 है। आपदा केंद्र के अनुसार अब तक राज्य में 17 लोगों की मौत हुई और 18 लोग घायल हुए हैं। बहुत से लोगों को बचाया गया है। यह आंकड़ा 10 से आज 12 जुलाई तक का है।
चमोली जिले में बुधवार की दोपहर बाद से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे लोग बहुत डरे सहमे हुए हैं। जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाइवे पागल नाला, गुलाब कोटी, हेलंग, पीपलकोटी, छिनका, कंचनगंगा सहित छह स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। एहतियातन तीर्थयात्रियों को गौचर, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग आदि सुरक्षित स्थानों पर रोका जा रहा है।
इसके पहले बदरीनाथ हाइवे पर पाताल गंगा में बनी टनल के ऊपरी हिस्से में आज अपराह्न बाद अचानक पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हो गया था। हालांकि पूरा मलबा टनल के ऊपर से नीचे नदी की ओर जा गिरा, जिससे किस प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ।
भय के कारण रुद्रप्रयाग के औण गांव के ग्रामीणों ने खाली किया गांव-
रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के निकटवर्ती औंण गांव के ग्रामीणों ने आपदा की डर से गांव खाली करना शुरू कर दिया है। पांच परिवार अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गये हैं। गांव में बचे हुए परिवार भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं। इसका कारण गांव के पीछे की पहाड़ी से लगातार गिर रहे बोल्डर हैं। इससे गांव को खतरा पैदा हो गया है और ग्रामीण दहशत में अपने दिन काट रहे हैं।
गुप्तकाशी में राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुंड के निकट स्थित किलोमीटर 56 पर गीताराम वासवा नंद आदि के आवासीय भवनों के नीचे से लगातार भूधंसाव हो रहा है, इस कारण यह परिवार भय के कारण रात्रि को ढंग से सो भी नहीं पा रहे हैं। बरसात का यही आलम रहा तो यहां स्थित चार आवासीय भवन कभी भी जमींदोज हो सकते हैं।
पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से जहां राजधानी कराह रही है वहीं मौसम विभाग ने फिर एक बार 15 और 16 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी दी है। यह भारी बारिश उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल तथा ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भी होगी। हरिद्वार में 16 जुलाई को कहीं कहीं भारी बारिश होने की संभावना है।
जनपद पौड़ी गढ़वाल के सिद्धबली मंदिर के पास नदी में एक कार गिर गई थी। इसमें एक फंसे एक व्यक्ति को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया था जबकि सर्च के दौरान एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया किया गया है। अभी अन्य की खोजबीन की जा रही है। कोतवाली कोटद्वार ने एसडीआरएफ को नदी के बीच में बने टापू में एक व्यक्ति के फंसे होने की सूचना दी थी। तेज बहाव और बढ़े हुए जलस्तर के कारण वह नदी पार करने में असक्षम था। यह व्यक्ति अपने अन्य चार साथियों के साथ कार पर था। उनकी कार नदी में गिर गई थी।
हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश के कारण लक्सर स्थित सोलानी नदी पर मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव के पास तटबंध टूटने से लक्सर, खानपुर समेत 24 गांव जलमग्न हो गए हैं। गांवों में पानी आ जाने के कारण लोगों का खासा नुकसान हुआ है। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। फसलें जलमग्न हो गई हैं। बारिश के पानी के कारण शहर व देहात क्षेत्र की कई सड़कें बंद हैं। रेलवे ट्रैक भी पानी में डूब गया है।
राज्यपाल ने बुधवार को सचिवालय स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण कर अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों को 24×7 अलर्ट पर रहने के निर्देश देते हुए कहा कि अंतर्विभागीय सांमजस्य और टीम भावना से कार्य करें।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश विभिन्न स्थानों और हिमाचल प्रदेश में फंसे लोगों के सहायता के लिए आपदा राहत नम्बर्स और व्हाट्स एप नंबर जारी किये हैं।इन मोबाइल नंबरों 9411112985, 01352717380, 01352712685 इसके अतिरिक्त व्हाट्सएप नंबर- 9411112780 पर भी मैसेज कर सकते हैं। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर ज़िला प्रशासन और एसडीआरएफ हाई अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
आपदा प्रबंधन, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी जिलों से वर्षा, नदियों के जलस्तर, मार्गों की स्थिति की रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन केंद्र द्वारा सभी जिलों को मौसम पूर्वानुमान और अन्य एडवाइजरी समय-समय पर जारी की जा रही है।
अपर सचिव आपदा प्रबन्धन सविन बंसल ने मानसून में नदियों का जलस्तर बढ़ने की जानकारी देते हुए बताया कि नदियों के रियल टाइम जल स्तर को मापने के लिए जीआईएस बेस्ड प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। मौसम पूर्वानुमान के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए गए हैं।