नई दिल्ली। तालिबान और भारत के संबंध कैसे होंगे, इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है. लेकिन दोनों पक्षों के हालिया बयानों से कुछ चीजें स्पष्ट हो रही हैं. तालिबान के बयान भी भारत को लेकर बहुत आक्रामक नहीं है और भारत ने भी तालिबान को सीधे निशाने पर नहीं लिया है. इन बयानों को देखें तो ऐसा लगता है कि 1996 से 2001 के बीच का जो तालिबान था, वो 2021 में नई लाइन लेता दिख रहा है. गुरुवार को तालिबान के प्रमुख नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने रेडियो पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी के कुछ दिन पुराने बयान पर जवाब दिया है.
दरअसल, 20 अगस्त को गुजरात के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि आतंक के दम पर खड़ा किया गया साम्राज्य कभी स्थायी नहीं हो सकता है. पीएम मोदी के इस बयान को तालिबान के लिए संदेश के तौर पर देखा गया था. जब तालिबान के नेता से पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भारत को बहुत जल्द पता चल जाएगा कि तालिबान कितनी सुगमता से देश चला सकता है.
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पीएम मोदी ने एक बयान में कहा था, “तोड़ने वाली ताकतों को लग सकता है कि वे आतंक के दम पर साम्राज्य खड़ा कर सकते हैं, लेकिन ऐसी सोच किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाए पर उसका अस्तित्व स्थायी नहीं हो सकता है. आतंक से मानवता को ज्यादा समय के लिए नहीं कुचला जा सकता है.”
तालिबान नेता दिलावर ने रेडियो पाकिस्तान से बातचीत में कहा कि भारत को जल्द ही हमारी देश चलाने की क्षमता का पता लग जाएगा. उन्होंने भारत को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल ना देने की चेतावनी भी दी. इसका यही मतलब लगाया जा रहा है कितालिबान ने पीएम मोदी को धमकी दी है। वहीं, दिलावर ने पाकिस्तान की तारीफ की. उन्होंने कहा, पाकिस्तान हमारा पड़ोसी और मित्र देश है. उन्होंने तीस लाख अफगान शरणार्थियों को शरण देने के लिए पाकिस्तान का शुक्रिया भी अदा किया.
वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है. पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा, पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की सीमाएं लगती हैं. जब धर्म की बात आती है तो हम पारंपरिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. दोनों देशों के लोग आपस में घुले-मिले हुए हैं. इसलिए हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं.
भारत से रिश्ते को लेकर मुजाहिद ने कहा, भारत इस इलाके का अहम हिस्सा है और हम भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं. हमारी बस ये इच्छा है कि भारत अफगान लोगों के हितों के हिसाब से ही अपनी नीतियां तय करे. मुजाहिद ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत करके आपसी विवाद सुलझाने चाहिए.
अफगानिस्तान में तालिबान की जीत को पाकिस्तान अपनी जीत की तरह देख रहा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही तालिबान को लेकर अपना समर्थन खुले तौर पर जाहिर कर चुके हैं. बुधवार को पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने भी तालिबान राज को लेकर टिप्पणी की. शेख रशीद ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी को लेकर भारत की असहजता बिल्कुल साफ तौर पर दिख रही है. पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि भारत किस तरह से शोक में डूबा हुआ है.
इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए रशीद ने कहा कि जिस तरीके से भारत अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल रहा है, उससे उसकी हार का पता चलता है. उनके चेहरे पर हार लिखी हुई है. भारत की इस हार का श्रेय पाकिस्तान और उसकी संस्थाओं को जाता है. शेख रशीद ने कहा कि अफगानिस्तान में अशांति की कीमत पाकिस्तान कई सालों से चुका रहा है और वह अफगानिस्तान में शांति चाहता था. पाकिस्तान को पता है कि अफगानिस्तान में शांति कायम हुए बिना पाकिस्तान में अमन नहीं आ सकता.
पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि तालिबान ने हमें आश्वस्त किया है कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं होगा. तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्तान से पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों को अंजाम नहीं दे पाएगा.