नई दिल्ली। भारत से लेकर चीन, जापान, इटली तक मशरूम काफी लोकप्रिय फूड आइटम है। अब गुजरात में मशरूम की एक नई प्रजाति के उत्पादन में सफलता मिली है, जिसकी कीमत 1.50 लाख रुपये किलो है। Cordyceps Militaris कहलाने वाले इस मशरूम का दवाओं में भी इस्तेमाल होता है। यह तिब्बती और चीनी हर्बल चिकित्सा का हिस्सा रहा है।
बता दे कि गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेजर्ट इकोलॉजी (GUIDE) के वैज्ञानिकों ने कच्छ में इसका उत्पादन करने में सफलता हासिल कर ली है। इस मशरूम का उत्पादन काफी नियंत्रित वातावरण में एक प्रयोगशाला में 35 जार में किया गया। करीब तीन महीने में इसका 350 ग्राम उत्पादन हुआ।
आपको जानकार हैरानी होगी कि यह मशरूम ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई बीमारियों के उपचार में उपयोगी हो सकता है। मशरूम की सेहत संबंधी खूबियों को देखते हुए इसे हिमालयन गोल्ड भी कहा जाता है।
cordyceps militaris मशरूम एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैसर, एंटी-ट्यूमर, एंटी-फाइब्रोटिक, एंटी-एचआईवी, एंटी-मलेरिया, एंटी-फटीग प्रॉपर्टीज हैं। यानी इसको खाते रहने से ऐसी कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इसे फेफड़ों की सुरक्षा, गंभीर ब्रोंकाइटिस के उपचार, किडनी की समस्या को दूर करने आदि में भी मददगार पाया गया है।