नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1 अप्रैल, 2021 से दो साल के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के रूप में 389 विशेष पॉक्सो न्यायालयों सहित 1023 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) को 31 मार्च,2023 तक जारी रखने की मंजूरी दी।
कानून और न्याय मंत्रालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट समर्पित अदालतें हैं, जिनसे न्याय की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित करने की उम्मीद की जाती है।
बयान में कहा गया, “नियमित अदालतों की तुलना में उनके पास बेहतर निकासी दर है और त्वरित सुनवाई होती है। असहाय पीड़ितों को त्वरित न्याय प्रदान करने के अलावा, यह यौन अपराधियों के लिए निवारक ढांचे को मजबूत करता है।”
बता दें कि 1023 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की निरंतरता का उद्देश्य बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के लंबित मामलों की संख्या को कम करना और यौन अपराधों के पीड़ितों को न्याय तक त्वरित पहुंच प्रदान करना और यौन अपराधियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करना है।
इन मामलों में तेजी लाने से न्यायिक प्रणाली लंबित मामलों के बोझ से मुक्त हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में 28 राज्यों में फास्ट ट्रैक कोर्ट है जिसे अब सभी 31 राज्यों को कवर करने के लिए एफटीएससी का विस्तार करने का प्रस्ताव है जो योजना में शामिल होने के लिए पात्र हैं।
यह देश के दूरदराज क्षेत्रों सहित देश में यौन अपराधों के असहाय पीड़ितों को समयबद्ध न्याय प्रदान करने के लिए राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है।