अयोध्या। राम नगरी के कारसेवकपुरम् में गुरुवार को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के 55वें स्थापना दिवस समारोह में एक बार फिर से राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का संकल्प दोहराया गया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि
विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के उत्थान के लिए देवयोग से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर्व के दौरान मुंबई के संदीपनी आश्रम मे देश के प्रमुख संत धर्माचार्यों और महापुरुषों ने की थी।
विहिप, राष्ट्र और समाज को एक सूत्र में निरूपित करने के महाअभियान को लेकर चल रहा है। धार्मिक सामाजिक ऊर्जा केन्द्र के पर्याय मठ-मंदिर की छत्रछाया में समाज कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है। बतौर प्रमुख वक्ता क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष सिंह ने कहा कि विहिप की स्थापना जिन सामाजिक और धार्मिक जीवन मूल्यों के रक्षण व संवर्धन के लिए हुई है, उसे लक्षय तक पहुंचाए बिना हम अपने कर्त्तव्य से पीछे हटने वाले नहीं, चाहे इसके लिए बलिदान ही क्यों न होना पड़े। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर कारसेवकों ने अस्थाई तौर पर ही सही मंदिर तो बना ही दिया है, बस उस स्थान को भव्यता देना शेष है जिसकी प्रतिक्षा हिन्दू समाज लगातार अपनी आहूति देकर करता आ रहा है। आज श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान राम लला को टेंट में देखकर हम सभी को पीड़ा हो रही है।
कार्यक्रम का संचालन चौरासी कोसी परिक्रमा प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने किया। इस दौरान विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा, क्षेत्रीय गोरक्षा प्रमुख वासुदेव पटेल, धर्माचार्य प्रमुख जितेन्द्र, प्रभारी शिवदास सिंह, अन्नूभाई सोनपुरा, संगठन मंत्री रत्नेश, कोष प्रमुख वीरेन्द्र, श्रीराम वेद विद्यालय प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र, आचार्य नारद भट्टाराई, आचार्य दुर्गाप्रसाद गौतम, पवन सिंह, सर्वेश रामायणी, छात्र नेता राजा वर्मा, घनश्याम जायसवाल, बालचंद्र वर्मा, अनिल पांडेय, बिरजू यादव, आनंद कुमार, पुजारी हजारी बाबा, अमित पांडेय, वरूण राय, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।