नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 दोषियों की रिहाई के आदेश दे दिए हैं। मामले में कुल 7 दोषी थे, जिनमें से एक पेरारिवलन को इसी साल मई में रिहा कर दिया गया था।
अब शीर्ष ने बाकी 6 दोषियों को भी रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। इनकी रिहाई का आदेश शुक्रवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच दिया। अदालत ने कहा है कि पेरारिवलन की रिहाई को लेकर जो आदेश जारी किया था, वही इन 6 दोषियों पर भी लागू होता है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली में धनु के रूप में पहचानी गई एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। ये सभी आरोपी करीब 31 साल से जेल में बंद थे।
ये बना रिहाई का आधार
टाडा या आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की निचली अदालत ने शुरुआत में इस मामले में 26 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी।
साल 1999 में, टाडा अधिनियम को खत्म होने के कुछ सालों बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने केवल सात लोगों की सजा को बरकरार रखा, अन्य सभी को रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पाया गया कि दोषी ठहराए गए लोगों में से कोई भी हत्या टीम का हिस्सा नहीं था।
इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सात दोषियों में से चार को साल 1999 में, सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा और अन्य तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
साल 2000 में, नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था। साल 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन सहित तीन की मौत की सजा को कम कर दिया।