रामगढ़। जिले में एक तरफ हर आदमी कोरोना का कहर झेल रहा है। वहीं दूसरी ओर हवस के दरिंदों ने एक नौ वर्षीय बच्ची को अपना शिकार बनाया है। पिछले 48 घंटे से लापता नौ वर्षीय बच्ची प्रतिज्ञा कुमारी की अधजली लाश गुरुवार को भुरकुंडा ओपी क्षेत्र के जंगल से बरामद हुई है। इस मामले की पुष्टि करते हुए एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नौ वर्षीय बच्ची की लाश सरैया टोला सरना मैदान के समीप सयाल जंगल में मिली है। अपराधियों ने उसकी हत्या कहीं और की है और फिर लाश को जंगल में फेंक दिया है। मोहन महिलानी व मां फूलो बाई के अनुसार उनकी बेटी मंगलवार की दोपहर से गायब थी। वे दो दिनों से लगातार उसकी तलाश कर रहे थे।
गुरुवार को अचानक उसे सूचना मिली की जंगल में एक लाश पड़ी हुई है। लाश को देखते ही उन्होंने प्रतिज्ञा के रूप में उसकी पहचान की। लाश को देखकर प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उस बच्ची के साथ बलात्कार किया गया है। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। लाश को छुपाने के लिए उसे जलाने का भी प्रयास किया गया। लेकिन शायद अपराधी अपने मंसूबे में सफल ना हो पाए। छतीसगढ़ के टिहलीपाली सरसियांव निवासी मोहन महिलानी व उनकी पत्नी फूलो बाई पिछले तीन माह से सरैया टोला स्थित मुर्गा फार्म हाउस में किराए पर रह रहे थे।
20 अप्रैल को फार्म हाउस के संचालक अरविंद कुमार ने मोहन से घर छोड़ने की बात कही। इसके बाद मोहन अपने नौ वर्षीय प्रतिज्ञा कुमारी व पांच वर्षीय पुत्र यश कुमार के साथ नये ठिकाने के लिए रेलवे कॉलोनी पतरातू पहुंचे। यहां रेलवे की जर्जर घर में उन्हें ठिकाना मिला। इसके बाद वे पुत्री व बच्चे को छोड़ पत्नी को लाने फार्म हाउस पहुंचे। पत्नी व समान के साथ जब रेलवे कॉलोनी पहुंचे तो 9 वर्षीय पुत्री गायब थी। मोहन ने पुलिस को बताया कि पिछले दो दिनों से वह व उनकी पत्नी पुत्री को खोज रहे थे।
घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी प्रभात कुमार, पतरातू एसडीपीओ डॉ. बिरेंद्र कुमार चौधरी, भुरकुंडा ओपी प्रभारी अखिलेश चौबे दल-बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।