Jamshedpur news(जमशेदपुर ): हेलमेट जांच के नाम पर चार हजार रुपये घूस लेकर छोड़ने के मामले में आरोपित पुलिस पदाधिकारियों को जमशेदपुर के वरीय पुलिस पदाधिकारी बचाने में लगे हुए हैं। यह आरोप अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने लगाया है।
इस संबंध में संजय कुमार सिंह ने जमशेदपुर के एसएसपी(SSP jamshedpur) और राज्य के डीजीपी(jharkhand DGP) को दो बार रिमाइंडर लेटर लिखा है। इसके बाद भी आरोपित पुलिस एसआई बीरबल महतो और मुंशी धर्मेंद्र व अखिलेश पर कार्रवाई नहीं हो पाई है।
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पुलिस अधिकारी जांच के नाम पर मामला टालने से नाराज अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने कहा कि वे तीसरा रिमाइंडर देने जा रहे हैं। इसके बाद जमशेदपुर के एसएसपी(SSP jamshedpur) सहित अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराएंगे।
क्या है मामला?
साकची निवासी अधिवक्ता ने कहा कि बेंगलुरु में रहने वाला उनका इंजीनियर पुत्र अभिनव जमशेदपुर आ कर रहा था। वे 18 दिसंबर 2021 को जमशेदपुर से बाहर गए हुए थे। इस बीच उनके खराब स्कूटी को बनवाने के लिए पुत्र अभिनव कोर्ट के पास से लेकर जा रहा था। वहां पर हेलमेट जांच हो रहा था ।
वकील के मुताबिक इस दौरान हेलमेट जांच करने वाले एसआई बीरबल महतो और उनके सहयोगियों ने उनके पुत्र को पकड़ लिया । उस पर हेलमेट नहीं पहनने का आरोप लगाकर फाइन काटने लगे । इसका अभिनव ने विरोध किया और बताया कि वह गाड़ी बनवाने जा रहा है।
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साथ ही बगैर मास्क लगाए चालान काटने वाले का वीडियो बनाने लगा। इससे नाराज एसआई निर्मल महतो ने उसका मोबाइल छीन लिया और पीसीआर को बुलवाकर सीतारामडेरा थाना हाजत में बंद करवा दिया। यहां सीतारामडेरा थाना के मुंशी अखिलेश और धर्मेंद्र ने छोड़ने के एवज में चार हजार रुपये की घूस मांगी।
वकील ने कहा कि अभिनव ने मित्र अभिजीत से रुपये मंगवा कर दिया। दूसरे दिन जब अधिवक्ता संजय कुमार सिंह शहर पहुंचे, तब उनको सारी जानकारी हुई। उन्होंने सीतारामडेरा थाना के मुंशी से बात की। मुंशी ने स्वीकारा कि उसने एसआई बलवीर महतो के कहने पर अभिनव के मित्र से चार हजार रुपये लिया है, तब जाकर उसे छोड़ा गया। बातचीत के क्रम में अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने अपनी और मुंशी की बात को सबूत के तौर पर रिकार्ड कर लिया ।
इस संबंध में बैगर मास्क के चालान काटने वाले अधिकारियों का वीडियो ग्राफी और मुंशी द्वारा अनेक बार बात हुई रिकॉर्डिंग को साक्ष्य बनाकर जमशेदपुर एसएसपी(SSP jamshedpur) और राज्य के डीजीपी(jharkhand DGP) को पत्र भेजा। डीजीपी (jharkhand DGP) की ओर से निर्देश आया कि सारे मामले का जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए लेकिन जांच अधिकारी बनाए गए हेड क्वार्टर टू डीएसपी और सीतारामडेरा थाना प्रभारी द्वारा पूरे मामले को लटकाया जा रहा है।