हजारीबाग के गोरहर और बरकट्ठा थाना क्षेत्र में बड़ा रैकेट सेक्सटॉर्शन के लिए काम कर रहा है. हजारीबाग पुलिस अब एक्टिव मोड में आ गई है और इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति बना रही है. हजारीबाग पुलिस मान रही है कि जामताड़ा जिस तरह से देशभर में साइबर अपराध के लिए जाना जा रहा है, हजारीबाग सेक्सटॉर्शन के लिए जाना जाने लगा है. हाल के दिनों में हजारीबाग पुलिस ने कुछ ऐसे ही साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार भी किया है जिनसे पूछताछ के दौरान होश उड़ा देने वाली जानकारियां मिली हैं.
ठगों के जाल में कैसे फंसते हैं लोग
साइबर ठगों के जाल में लोग आसानी से फंस जा रहे. सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो कॉल कर साइबर ठग वीडियो बना लेते हैं. इसी वीडियो के जरिए संबंधित व्यक्ति को ब्लैकमेल कर पैसे वसूले जाते हैं. इस तरह के साइबर क्राइम को सेक्सटॉर्शन का नाम दिया गया है. सेक्सटॉर्शन यानी सेक्स संबंधी वीडियो चैट के जरिए पैसे वसूल करना. पहचान उजागर हो जाने के डर से लोग घबराकर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं और मुंहमांगी रकम का ठगों के बताए तरीके से भुगतान कर देते हैं. ठगों के जाल में सैकड़ो लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.
हजारीबाग पुलिस ने हाल ही में किशोर साव और उसके पांच साथियों को पकड़ा था. किशोर एमए-बीएड की पढ़ाई कर चुका है. उसके पास से 50 लाख रुपये मूल्य के जमीन के कागजात मिले हैं. वहीं कोर्रा इलाके में तीन मंजिला मकान भी मिला है. इससे पता चलता है कितने बड़े पैमाने पर ये धंधा चल रहा है. जानकारी के मुताबिक इस गिरोह के सदस्य skoka या oklut वेबसाइट पर फर्जी आईडी बनाकर एस्कॉर्ट सर्विस देने के नाम पर पहले ग्राहकों से बात करते हैं. फिर उनके साथ अश्लील चैटिंग की जाती है और अश्लील वीडियो बनाकर उसके और अश्लील चैटिंग के जरिए संबंधित व्यक्ति को इसे वायरल करने की धमकी देकर ठग ब्लैकमेल करते हैं जिस डर से अधिकतर लोग चुपचाप मुंहमांगी रकम ठगों को दे देते हैं.
दूसरे राज्यों तक फैला तार
हजारीबाग में बढ़ते सेक्सटॉर्शन के मामलों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने लोगों से इस जाल में न फंसने की अपील करते हुए कहा है कि साइबर अपराधी आपकी गाढ़ी कमाई भी उड़ा लेंगे और आप को ब्लैकमेल भी करेंगे. उन्होंने कहा है कि हजारीबाग ही नहीं दूसरे राज्यों में भी इनका तार फैला हुआ है. ऐसे में अनवांटेड लिंक कभी शेयर भी न करें और उसे खोले भी नहीं. अगर कोई व्यक्ति फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है तो उसे भी सोच समझकर एक्सेप्ट करें.अपराध का स्वरूप हाल के दिनों में बदला है. संचार क्रांति के कई लाभ हैं तो अपराधी इसका गलत उपयोग भी कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों को भी सजग रहने की जरूरत है जिससे वे साइबर अपराधियों के जाल में न फंसें.
हर हफ्ते आ रहे 7 से 8 केस
पीस फाउंडेशन की शिमोनी प्रसाद बताती हैं कि उन लोगों ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिसपर हर हफ्ते सेक्सटॉर्शन के सात से आठ मामले सामने आते हैं. उन्होंने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि दरसल लोग जाने-अनजाने fishy लिंक पर क्लिक कर देते हैं. लिंक क्लिक करते ही प्रोफाइल से सारी जानकारी और फोटो ठग के हाथ लग जाती है. चैटिंग इनविटेशन या वीडियो कॉल के ऑप्शन भी ठग की ओर से ग्लैमर का इस्तेमाल करके कर दिया जाता है. शिमोनी ने कहा कि एक बार इस जाल में फंस जाने पर निकलना मुश्किल हो जाता है. सावधान और सतर्क रहना बेहतर है. अपराधियों के जाल में न फंसें.