हजारीबाग। अध्यात्म योगी परम तपस्वी आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के संघस्थ शिष्य श्रमण मुनि श्री 108 सुयश सागर जी एवं मुनि श्री 108 सदभाव सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश प्रात हजारीबाग नगर में हुआ। गाजे-बाजे के साथ नीलांबर पीतांबर चौक के पास भव्य अगवानी की गई। तत्पश्चात नगर में जगह-जगह भव्य आरती भक्तगण ने किया। बड़ा बाजार दिगंबर जैन मंदिर का दर्शन कर व मंगल आशीर्वाद देकर मुनि श्री दिगंबर जैन मंदिर बाड़म बाजार के लिए प्रस्थान कर गए। बाड़म बाजार मंदिर मे मुनि श्री की आरती उतारी गई। मंदिर का दर्शन कर मुनि श्री ने सभी को अपना मंगल आशीर्वाद दिया। सर्वप्रथम मंगलाचरण हीरा बड़जात्या ने व संचालन सुबोध सेठी ने किया।
मुनि श्री 108 सुयश सागर जी ने अपने मंगल प्रवचन में कहा की कोविड़ काल में सभी जगह लोग सरकारी नियम का पालन कर रहे थे। धार्मिक आस्था के कारण घर घर में मंदिर जिनालय बनी हुई थी, लेकिन यह शुभ अवसर आया है हजारीबाग मे आज साक्षात यहां दो साधुओं का दर्शन हो रहा है। मुनि श्री ने कहा की संस्कार ही जीवन की उन्नति का द्वार है। संस्कारित व्यक्ति व परिवार ही उनका व्यक्तित्व बताता है। जिस तरह से आदमी का ड्रेस से उसका एड्रेस का पता लगता है उसी प्रकार हमारा आंतरिक व बाहरी व्यवहार, क्रिया परिलक्षित होता है। यदि हम पूजा पाठ कर रहे हैं और मंदिर का वस्त्र पहने है तो हमारी भाव धार्मिक क्रिया की ओर दिखता है। उसी तरह हम सांसारिक क्रिया में रहते हैं तो हमारा ड्रेस और व्यवहार अलग दिखता है, इन सबों संस्कारित व्यक्ति तटस्थ भाव से अच्छा बुरा पाप पुण्य का फर्क को जानता है और अपनी क्रिया तदनुसार करता है। जीवन में हम जैसे अपने विचार और आचार को रखेंगे वहीं हमारे जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा और अगर हम अपने जीवन को सुचारु रुप से चलाना चाहते हैं तो भारतीय संस्कार से ओतप्रोत होकर अपने जीवन के व्यवहार में लाएं तब हमारा जीवन धर्म में, त्याग में ,करुणा व प्रेम में वात्सल्य पूर्वक होगा। बाहर से आए धर्म प्रेमी बंधुओं का स्वागत समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी, महामंत्री पवन अजमेरा, कोषाध्यक्ष सुशील पाटनी,धर्म काला,मीडिया प्रभारी विजय लुहाड़िया, महिला समाज की अध्यक्षा पुष्पा अजमेरा,आशा विनायका, उषा विनायका व पदाधिकारी गण ने किया। विजय लुहाड़िया ने बताया की मुनि श्री का मंगल प्रवचन कल प्रातः 8:30 बजे बाड़म बाजार दिगंबर जैन मंदिर में होगा।