हजारीबाग। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा संवर्ग की ऑनलाइन बैठक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (युजीसी) के उच्च शिक्षा में विश्वविद्यालयों को दिए गए ऑफलाइन- ऑनलाइन कक्षा के प्रति सुझाव पर चर्चा की गई। इसमें युजीसी ने 60 फीसदी कक्षा ऑफलाइन तथा चालीसा फीसदी ऑनलाइन लेने की व्यवस्था पर छह जून तक सुझाव की पहल की है।
बैठक में वाराणसी के अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार ने संगठन की अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता -2021 एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ऑफलाइन- ऑनलाइन कक्षाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता के लिए दो वर्ग है। दोनों वर्ग में चार- चार विषयों पर लेखन लिखनी है। पहला वर्ग जो स्कूल स्तर का है, उसमें पहला शिक्षा के माध्यम से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावनाओं को बढ़ाना’, दूसरा ‘ऑनलाइन शिक्षा के प्रभावशीलता’ , तीसरा ‘बच्चों का समग्र विकास में मातृभाषा की भूमिका’ एवं चौथा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 का क्रियान्वयन में अवसर एवं चुनौतियां’। दूसरे वर्ग में कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय स्तर के प्रतियोगिता के लिए शोध पत्र विषय में पहला ‘आत्मनिर्भर भारत में अवसर एवं चुनौतियां’ दूसरा’ लोकतंत्र में सोशल मीडिया की भूमिका, तीसरा ‘शिक्षा के माध्यम से धारणक्षम विकास’ एवं चौथा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 का कार्यान्वयन में अवसर एवं चुनौतियां’ विषय को शामिल किया गया है।
युजीसी की साठ फीसदी ऑफलाइन एवं चालीस फीसदी ऑनलाइन कक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि फिलवक्त टेक्नोलॉजी की जरूरत है परंतु संचार माध्यम आपातकालीन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं संस्कार जीवन की पद्धति है ,जो संचार पद्धति से संभव नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को भी वसुधैव कुटुंबकम की भांति लेते हैं। बैठक का संचालन करते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय संगठन के प्रदेश महामंत्री डाॅ ब्रजेश कुमार ने यूजीसी के ऑफलाइन -ऑनलाइन कक्षाओं पर बोलते हुए बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को सुझाव वाट्सएप के माध्यम से देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की वेबसाइट है, जिसमें सभी जानकारियां दी गई है। उन्होंने कहा कि संसाधन युक्त होने पर ही संचार शिक्षा संभव है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संगठन मंत्री डाॅ राजकुमार चौबे ने सांगठनिक चर्चा करते हुए कहा कि सदस्यता ग्रहण करने में उत्साह देखा गया है। हम कर्तव्य बोध दिवस मनाएंगे तथा नववर्ष संवत की जागरूकता मिलन कार्यक्रम करेंगे। फिलवक्त नकारात्मक वातावरण फैलाया जा रहा है,हमें राष्ट्रहित में सकारात्मक प्रसार करना है। संगठन के धनंजय द्विवेदी ने नवाचार शिक्षा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी पक्षकारों से यूजीसी ने ऑफलाइन साठ फीसदी तथा ऑनलाइन चालीस फ़ीसदी का प्रस्ताव मांगा है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ सिंह ने कहा कि ऑफलाइन के लिए सभी छात्रों के पास संसाधन नहीं है तथा देश विकासशील है। संसाधन की कमी है।
ऑनलाइन कक्षा वैकल्पिक एवं आपातकालीन है। शिक्षा का उद्देश्य नैतिक मूल्यों को स्थापित करना है। उन्होंने झारखंड में शिक्षकों की प्रोन्नति समेत अन्य समस्याओं का भी जिक्र किया। बैठक में संगठन के डॉ प्रसन्नजीत मुखर्जी, डाॅ अजय कुमार सिन्हा, डॉ विजय प्रकाश, डॉ अभय कृष्ण सिंह सभी ने कुल मिलाकर ऑनलाइन कक्षा को आपातकालीन एवं वैकल्पिक रूप में लेने के लिए सुझाव दिया। बैठक की शुरुआत पारंपरिक सरस्वती वंदना से डॉ शशि शेखर दास ने धन्यवाद ज्ञापन झारखंड प्रांत महिला संवर्ग प्रभारी डॉ सुनीता कुमारी गुप्ता ने तथा समापन कल्याण मंत्र से डॉ भारती द्विवेदी ने किया। इस ऑनलाइन बैठक में मुख्य रूप से संगठन के डॉ दारा सिंह गुप्ता, रूपम कुमारी, ज्योति प्रकाश, डॉ विनय कुमार सिंह, डॉ जीएस पांडेय, बीएन सिंह, डॉ राजेश पांडेय, हेमंत कुमार, डॉ अनुपमा सिंह समेत सभी कार्यकारणी ,सभी विश्वविद्यालयके पदाधिकारी, राज्य महिला संवर्ग की टोली उपस्थित थे।