कटकमसांडी (हजारीबाग)। इन दिनों शहर से सटे कटकमसांडी प्रखंड क्षेत्र के पबरा गांव के ग्रामीण जर्जर उबड़-खाबड़ सड़क पर चलने को मजबूर हैं। सड़क की जर्जरता का आलम यह है कि पेलावल पबरा मोड़ से लेकर पबरा गांव के आगे तिलरा सीमाने नदी तक करीब आठ किमी. सड़क जर्जर, उबड़-खाबड़ व जलजमाव से कीचड़युक्त है।
बारिश होने से सड़क की स्थिति भयावह व रूह कांपने जैसी हो जाती है।
मुखिया सुनीता देवी, पंसस प्रयाग पासवान, मुखिया प्रतिनिधि सरजू राम, महबूब आलम, शिवकुमार मेहता, ईश्वर प्रसाद मेहता, हीरामन मेहता, ज्ञानी राम, वकील राम, जोगेन्द्र मेहता, आनंद मेहता, सहित दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क की मरम्मति व पुनरूद्धार के लिए जिला प्रशासन से लेकर सांसद विधायक तक गुहार लगाया गया।
मगर सड़क निर्माण की दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं उठाया गया। नतीजतन शहर आने जाने के लिए गांव वालों को रास्ता बदलकर गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। आटो रिक्शा वाले दस की जगह यात्रियों से 30 रूपए वसूल रहे हैं। आवाजाही बाधित होने से खासकर छात्र-छात्राओं को परेशानियां उठाना पड़ रहा है।
मालुम हो कि पबरा एक कृषि प्रधान गांव है। गांव वालों को साग सब्जी शहर तक ले जाने में भारी फजीहतों का सामना करना पड़ता है। इस पथ से इचाक प्रखंड के तिलरा, कवातु समेत दो दर्जन गांव के ग्रामीणों का आना जाना होता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव के दूसरी छोर पर निर्मित पुल के टूट जाने से लोग खुटरा के रास्ते भी शहर आ जा नहीं सकते।