रांची। आदिवासियों की जनगणना के लिए सरना कोड लागू किए जाने की पुरानी मांग एक बार फिर झारखंड में जोर पकड़ने लगी है।जगह- जगह विरोध प्रदर्शन और जुलूस का दौर जारी है।
विधानसभा के मानसून सत्र में सरना कोड बिल का प्रस्ताव पारित नहीं होने पर केंद्रीय सरना समिति ने नाराजगी जाहिर करते हुए 15 अक्तूबर को राज्य व्यापी चक्का जाम का एलान किया है।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना कोड आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग है।लंबे समय से आदिवासी अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।2021 की जनगणना में यदि सरना कोड लागू नहीं होता है, आदिवासी समुदाय इसमें भाग नहीं लेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासियों का अस्तित्व खत्म करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है।
जनगणना में हिंदू, मुस्लिम सिख, इसाई के लिए धर्म बताने का कॉलम होगा, पर आदिवासियों के लिए अलग से कोई कॉलम निर्धारित नहीं किया जाता, यह आदिवासी संस्कृति पर हमला है।
महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि हेमंत सरकार आदिवासियों को ठगने का काम कर रही है.
गौरतलब है कि विधानसभा के मानसनू सत्र में आजसू पार्टी विधायक दल के नेता सुदेश कुमार महतो ने सदन का ध्यान इस ओर ध्यान दिलाया था.