रांची। झारखंड सरकार की पहल पर एक बार फिर गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 30 कामगारों में से 10 की झारखंड सुरक्षित वापसी श्रमिक दिवस से दो दिन पूर्व हुई। शेष 20 कामगारों की वापसी के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
श्रमिकों के रोजगार का हुआ प्रयास
कोरोना संक्रमण के इस दौर में रोजगार का अभाव था। दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह दौर विभीषिका के समान था। इसको देखते हुए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मानव दिवस सृजन किया। मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक कुल 2.8 लाख से अधिक परिवारों को जॉबकार्ड निर्गत किया गया।
शहरी क्षेत्रों में भी कार्य के अभाव को देखते हुए शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई। इस योजना से शहरी जनसंख्या की 31 प्रतिशत गरीब आबादी को लाभ देने का लक्ष्य तय हुआ। झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिकों के लिए पांच योजनाएं लागू की गई हैं। 2021-22 में छह हजार श्रमिकों को 11 करोड़ रुपये के समतुल्य राशि का लाभ दिया गया है।
सरकार ने कदम बढाया
श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार ने कदम बढाया। प्रवासी श्रमिकों के पलायन को देखते हुए उनके सुरक्षित और जवाबदेह प्रवासन सुनिश्चित की जा रही है। इससे पूर्व श्रमिकों के लिए कोई ठोस नीति नहीं थी। कोरोना काल में झारखंड से अन्य राज्यों में प्रवास करने वाले श्रमिकों की संख्या का पता चला। उन सभी का निबंधन राज्य सरकार के श्रमाधान और केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल में किया गया।
श्रमिकों की सुरक्षा का भी ध्यान
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दिसंबर 2021 में सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव (एसआरएमआइ) शुरू किया था। इसके तहत प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन के लिए गुमला और पश्चिमी सिंहभुम में केंद्र शुरू हुआ।
यह केंद्र जिला श्रम एवं रोजगार कार्यालय के तत्वावधान में जिला स्तरीय सहायता प्रकोष्ठ के रूप में तथा जिला श्रम एवं रोजगार अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करेगा। इसके जरिये गुमला और पश्चिमी सिंहभूम के अंतरराज्यीय प्रवासियों और उनके परिवारों की पहचान की जाएगी। साथ ही श्रमिकों और कामगारों के पंजीकरण की भी सुविधा दी जाएगी। इसके लिए शिविर लगाने की योजना है। श्रमिक दिवस के अवसर पर दुमका में भी केंद्र का शुभारंभ हो रहा है।
इस संबंध में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि “हमारी सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में श्रमिकों और कामगारों के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि राज्य से जो भी श्रमिक बाहर काम करने जाते हैं, उनके लिए एक ऐसी नीति तैयार की जाए, जिससे वह और उनके परिवार दूसरे राज्यों में भी सरकारी नीतियों का लाभ उठा सकें। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किस तरह पलायन को सुरक्षित एवं ज़िम्मेदार बनाया जाए। आज श्रम दिवस के मौक़े पर मैं राज्य सरकार की ओर से अपनी श्रमिक भाइयों-बहनों को नमन करता हूं”।