चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जेल से मोबाइल पर बातचीत करने और विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में उन पर झारखण्ड हाईकोर्ट में पीआइएल दर्ज किया गया है. भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने गुरुवार को उनके खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया. साथ ही इसी मामले में वे अरगोड़ा थाने में केस दर्ज करायेंगे.
अशोक ने याचिका में कहा है कि लालू प्रसाद यादव ने जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया है. उनका कहना है कि लालू यादव ने मोबाइल फोन से बिहार के विधायकों को सत्ता का लोभ देते हुए नीतीश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है. भाजपा नेता के वकील राजीव कुमार ने कहा कि याचिका में लालू प्रसाद यादव पर हॉर्स ट्रेडिंग का मामला दर्ज करने का आग्रह किया गया है. उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त का काम किया है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हाईकोर्ट के कई आदेश हैं जिनमें रिम्स के कॉटेज को राजनीतिक कैदियों द्वारा ऐशगाह बनाये जाने पर संज्ञान लिया गया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी कैदी को कई तरह की बीमारियां हैं तो उसके इलाज के लिए जेल में ही अस्थायी व्यवस्था की जा सकती है.
याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता हैं और लगातार दो साल से रिम्स के पेइंग वार्ड और अब रिम्स निदेशक के बंगले में अपना इलाज करा रहे हैं. इस दौरान उन्हें सेवादार सहित अन्य सुविधाएं मिली हैं, जो राज्य सरकार और जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. ऐसे में हाईकोर्ट को अपने आदेश के आलोक में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए.