रांची। तकनीकी युग में यह आवश्यक है कि हर एक हाथ को हुनरमंद बनाया जाए। इससे युवाओं के भविष्य की जिंदगी की राह को आसान बनाया जा सके। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर पश्चिमी सिंहभूम जिला 18 से 35 आयु वर्ग के युवाओं को स्वावलंबी बनाने की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्रयासरत है।
जिले में युवक-युवतियों को उनके रुचि के ट्रेड में हुनरमंद बनाकर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य जारी है। इसके लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुल पांच स्किल डेवलपमेंट सेंटर का संचालन सुनिश्चित किया गया है तथा आगामी एक-दो महीनों में अन्य तीन सेंटर का संचालन संभावित है। इसके तहत विगत दिनों चाईबासा में विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण के लिए कौशल प्रशिक्षण संस्थान संचालन को लेकर टाटा स्टील फाउंडेशन के साथ एकरारनामा किया गया है।
जिला प्रशासन स्किल डेवलपमेंट सेंटर का संचालन को प्राथमिकता दे रहा है, जहां निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ आवासीय और गैर आवासीय सुविधा के अलावा भोजन और आवास पूरी तरह निःशुल्क है। वर्तमान समय में राज्य संपोषित योजना के तहत कुल चार तथा जिला आकांक्षी निधि से एक स्किल डेवलपमेंट संचालित है, जहां अब तक 7,323 युवाओं का निबंधन पश्चात 5,504 युवाओं को प्रशिक्षण, 3,509 युवाओं को प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाते हुए 1,834 युवक-युवतियों को प्लेसमेंट के आधार पर रोजगार का अवसर उपलब्ध करवाया गया है।
रोजगार मिला तो आत्मविश्वास से लबरेज हैं युवा
कौशल विकास केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर हुनरमंद बने युवक-युवतियों के चेहरे पर आज आत्मनिर्भरता की मुस्कान बिखर रही है। मनोहरपुर के सदपटका गांव की रहने वाली भारती तिर्की बताती हैं कि उन्हें पढ़ने में काफी रूचि थी लेकिन किसान पिता के सीमित आय के कारण 12वीं के बाद उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
मनोहरपुर प्रखंड में संचालित निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी प्राप्त होने के उपरांत भारती ने अक्टूबर 2021 में सिलाई मशीन ऑपरेटर के ट्रेड में अपना नामांकन करवाया तथा तीन महीने के प्रशिक्षण के उपरांत कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में केपीआर ग्रुप- कोयंबटूर में इनका चयन हुआ और आज वह प्रतिमाह ₹10,500 का वेतन प्राप्त कर रही है।
बेड़ासाई के रहने वाले नरसिंह तुबिद बताते हैं कि आर्थिक संपन्नता नहीं रहने के उपरांत भी वह कुछ करने का इच्छा रखते थे, जिसमें उनका साथ दिया प्रथम स्किल डेवलपमेंट सेंटर ने जहां इन्होंने आटोमोटिव के क्षेत्र में तीन महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा वर्तमान में ये चाईबासा स्थित स्वराज ट्रैक्टर वर्कशॉप में कार्यरत हैं। अपने जिले में ही रोजगार से जुड़कर नरसिंह बहुत खुश एवं उत्साहित हैं।
चाईबासा के उपायुक्त अनन्य मित्तल का इस संंबंध में कहना है कि “यदि आप युवा हैं, आप को रोजगार की तलाश है, तो आप जिले में संचालित स्किल डेवलपमेंट सेंटर से जुड़कर अपने सपने को साकार कर सकते हैं तथा हुनरमंद बनकर अपने जीवन को एक नई उड़ान दे सकते हैं। आज हर पेशे में हुनरमंद युवाओं की मांग है एवं इसी की प्रतिपूर्ति के लिए जिले में अभी स्किल डेवलपमेंट सेंटर का संचालन किया जा रहा है।”