रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. एम. तौसीफ ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के द्वारा देश की धरोहर का 18वां एपिसोड बुधवार को सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से प्रसारित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह एपिसोड जालियांवाला बाग पर आधारित है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने देश की धरोहर का 18वां एपिसोड को सोशल मीडिया पर रिलीज करते हुए पत्रकारों से कहा कि 13 अप्रैल 1919 आजादी के आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत के क्रूरता का वह काला दिन जिसने मानवता को शर्मसार किया। 9 अप्रैल को रामनवमी का दिन था उस दिन निकले मार्च में हिंदू-मुस्लिम एकता को देखकर ब्रिटिश हुकूमत और जनरल डायर बोखला गए, उसी दिन महात्मा गांधी को पंजाब में घुसने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टर सैफुद्दीन और डॉक्टर सत्यपाल को ब्रिटिश हुकूमत ने बिना कारण गिरफ्तार कर लिया, इन सब के विरोध में 10 अप्रैल को हजारों लोगों ने सिविल लाइन तक मार्च निकाला, पुलिस की गोलाबारी में कई लोग मारे भी गए। उन्होंने कहा कि उस समय जीने मरने का प्रश्न भारत की आजादी के लिए बहुत छोटा हो गया था। 13 अप्रैल को जालियांवाला बाग में रोलेट एक्ट एवं गिरफ्तारी के खिलाफ एक शांतिपूर्ण सभा का आयोजन किया गया था। हजारों लोगों की मौजूदगी में सब कुछ शांति तरीके से चल रहा था। तब जनरल डायर अपने सैनिकों के साथ पहुंचकर बाग को चारों तरफ से घेर लिया। फायर की एक आवाज पर सैकड़ों दनदनाती गोलियां सभा में मौजूद महिला पुरुष बच्चों के सीने को छलनी कर देती हैं, चारों तरफ कोहराम मचा देखते-देखते बाग में मौजूद कुआं लाशों से भर जाता है चारों तरफ लोग खून से लथपथ और गोलियों से छलनी नजर आ रहे थे। पूरे मैदान की जमीन खून से लाल हो गई थी।
डॉ उरांव ने आगे कहा कि यह मानवता पर ब्रिटिश हुकूमत का घिनौना परहार था। कांग्रेस सहित पूरे देश में जनरल डायर के अमानवीय कृत्य से भयानक रोष पैदा हुआ, जिससे ब्रिटिश हुकूमत झेल नहीं पाई। लिहाजा 1922 में काले कानून को निरस्त कर दिया गया। डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस काले कानून का रद्द होना बताता है कि जब भी भारत एकजुट हुआ है, बड़े से बड़े तानाशाह को झुकना पड़ा है और वह कानून वापस हुआ है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना लहू बहाया है। जाति धर्म का भेदभाव भूल कर अंग्रेजों को देश से बाहर खदेड़ा, इसलिए अपने पूर्वजों के महान बलिदान को हमें जाया नहीं होने देना है और एकता के बल पर आजादी की रक्षा करना है। अंग्रेजों के काले कानून का जिस तरह से देश के लोगों ने एकजुट होकर विरोध किया था और ब्रिटिश हुकूमत को देश की एकता के आगे घुटने टेकने पड़े और काले कानून को वापस लेने पड़े थे, उसी तरह आज फिर एक बार देश केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ एकजुट हो गया है। सरकार को देश की एकजुटता के आगे झुकना पड़ेगा और किसान विरोधी काले कानून को वापस लेना होगा।
डॉक्टर तौसीफ ने बताया कि देश की धरोहर के 18वां एपिसोड को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर करने वाले झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, कार्यकारी अध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान कोऑर्डिनेटर अशोक चौधरी, भीम कुमार, प्रवक्ता आलोक दुबे, राजीव रंजन प्रसाद, किशोर नाथ शाहदेव, शमशेर आलम, डॉ राजेश गुप्ता, डॉ एम तौसीफ, अजय नाथ शहदेव, डॉक्टर राजेश किरण, आभा सिन्हा, कुमार राजा, सोशल मीडिया के गजेंद्र सिंह, मीडिया पैनलिस्ट अमूल्य नीरज खलखो, ज्योति मथारू, ईश्वर आनंद, मुख्य रूप से शामिल हैं।