कटकमसांडी। हजारीबाग जिले के पिछड़े श्रेणी में पहले कटकमसांडी को रखा जाता था लेकिन समय परिवर्तन के साथ ही प्रखंड की स्थितियां बदली और अब यह प्रखंड विकास की राह पर अग्रसर है, जिसमें कई शिक्षण संस्थानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसा ही एक विद्यालय मिशन उच्च विद्यालय है, जो अति पिछड़े, आदिवासी, हरिजन तथा माइनॉरिटी बहुल पंचायत डाटों में स्थित है। मिशनरी संस्था की ओर से 1993 ई. में स्थापित आरसी मिशन उच्च विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक अलग पहचान बना लिया है। ग्रामीण इलाके में स्थित होने के बावजूद भी शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर प्रतिबद्ध है। विद्यालय में साफ-सफाई से लेकर विद्यार्थियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं से लैस है।
यहां के 90 फीसदी से भी अधिक विद्यार्थी हर वर्ष बेहतर अंकों से उत्तीर्ण होकर अपने क्षेत्र के साथ साथ विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रधानाध्यापिका सिस्टर सुनीता बेक बताती हैं कि शुरूआती दौर में ज़रूर क्षेत्र में शिक्षित लोगों की कमी थी और ऐसे क्षेत्र बच्चों को शिक्षित करना चुनौतीपूर्ण था लेकिन अब स्थितियां बदली हैं। अभिभावकों के साथ साथ विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर जज्बा दिख रहा है। यही वजह है कि पिछले कई वर्षों से इस स्कूल के अच्छे अंकों से परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेहतर शिक्षण कार्य के लिए
कौशलेंद्र कुमार, मार्टिना आईंद, कुमारी पूनम वर्मा, सिस्टर अनुपा, सिस्टर बिना कुजूर, राकेश कुमार, लालजीत मिंज, सुनीता हंस व आदेशपाल लकुश हैरेंज का भी योगदान अहम है।