बरकट्ठा। पतंजलि योग पीठ के द्वारा सूरजकुंड धाम में सात दिवसीय योग शिविर के कार्यक्रम में आज मुख्य रूप से चलने वाला सहयोग शिक्षक प्राकृतिक चिकित्सा आवासीय शिविर प्रातः योग शिविर के बाद प्रतिभागियों को शिरोधारा का प्रशिक्षण एवं चिकित्सा देने के बाद उनकी प्रतिक्रिया ली गई एवं उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया। गंभीर से गंभीर बीमारियों का योग के द्वारा उपचार किया जा रहा है।
योग शिविर के झारखंड राज्य प्रभारी रामजीवन पांडे ने कहा कि पुरातन काल में हमारे भारतवर्ष में बीमारियों के इलाज के लिए वर्तमान के जैसा बड़े बड़े अस्पताल नहीं थे, चिकित्सीय प्रशिक्षण के लिए भारी-भरकम उपकरण मौजूद नहीं थे ,फिर भी यहां के लोग कम बीमार पड़ते थे। और अगर बीमार होते भी थे तो आसानी से स्वास्थ्य हो जाते थे। इसका एक प्रमुख कारण था कि हमारे पूर्वजों और ऋषि मुनियों के पास ज्ञान का अपार भंडार था। वह प्रकृति के साथ समन्वय बनाकर चलते थे। साथ ही साथ यदि किसी को कोई शारीरिक व्याधि होती थी तो वह बिना किसी दवा के भी आसानी से ठीक कर लेते थे। ऋषि-मुनियों और हमारे पूर्वजों के द्वारा दिए गए उसी ज्ञान के माध्यम से योगा का अभ्यास करके असाध्य रोगों को भी दूर किया जा सकता है। सूरजकुंड धाम में योगा का कल दिनांक 21 दिसंबर 2021 दिन मंगलवार को लास्ट दिन है जिसमें बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र के लोगों के द्वारा यहां योगा अभ्यास के लिए कमेटी का निर्माण भी किया जाएगा।