प्रखंड के चेचकपी पंचायत के खरियो का स्वास्थ्य उपकेंद्र डेढ़ वर्ष से अधिक समय से बंद है। इस वजह से उपकेंद्र का भवन भी जीर्णशीर्ण अवस्था में है। बताया जाता है कि डेढ़ वर्ष पूर्व एक एएनएम सुमन सिन्हा पदस्थापित थी। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी ने उन्हें खरियो केंद्र से हटाकर चुगलामो स्वास्थ्य उपकेंद्र में पदस्थापित किए जाने के बाद से बंद है। उल्लेखनीय है कि खरियो स्वास्थ्य उपकेंद्र से जंगल मे बसे जनजाति और अन्य लोग को स्वास्थ्य सुविधा मिलती थी। लेकिन बंद होने से लोग वंचित हो गए हैं। उपकेंद्र में प्रसव कार्य भी होता था। इसका लाभ प्रसूता को होता था। लेकिन उपकेंद्र के बंद होने पर प्रसूताओं को प्रसव के लिए बरकट्ठा जाना पड़ता है। इसी तरह उपकेंद्र में एएनएम की पदस्थापना नहीं होने के कारण बच्चे और गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण में भारी कमी आई है। इस संबंध में सोढ़ा निवासी प्रकाश सिंह और गुरुदेव सिंह ने बताया कि उपकेंद्र के बंद होने से लोंगो को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। लोगों को प्रसव कार्य को लेकर बहुत परेशानी झेलना पड़ता है।
क्या कहते हैं बीपीएम
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम रंजीत कुमार कहते हैं कि एएनएम की कमी के कारण खरियो स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद है। सीएचसी के पास केवल 18 एएनएम है। एएनएम की कमी के कारण किसी तरह काम चलाया जा रहा है। टीकाकरण कार्य दूसरे क्षेत्र की एएनएम को भेजकर टीकाकरण कराया जा रहा है। टीकाकरण में दिक्कत तो हो रही है। टीकाकरण में कमी भी आई है। इस बाबत में चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
आदिवासी बहुल क्षेत्र खैरियों स्वास्थ्य उपकेंद्र डेढ़ वर्ष से बंद है। जनजातियों को हो रही परेशानी।
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