हजारीबाग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर हजारीबाग जिला के दारू प्रखंड की महिलाएं औषधीय पौधे से तेल निकाल कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रही हैं। पेटो स्थित ग्रामीण सेवा केंद्र से जुड़ी करीब 12 सौ से अधिक महिलाएं औषधीय पौधे की खेती से लेकर तेल निकालने, तेल व अन्य सामानों की पैकेजिंग करने का काम कर रही हैं। इसके माध्यम से महिलाएं प्रतिमाह तीन से 5000 से अधिक की आमदनी कर रही हैं।
ग्रामीण सेवा केंद्र की अध्यक्ष राखी देवी का कहना है कि तुलसी, सिंड्रेला, लेमन ग्रास का तेल निकाल कर इसे पैकेजिंग करके बेचती हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे पैकेट करके महाराष्ट्र के मुंबई, दिल्ली, कोलकाता सहित कई अन्य स्थानों पर भी इसे बेचने का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी सरस मेला लगता है, तो उनलोगों के द्वारा औषधीय तेल, आर्गेनिक खेती के उत्पाद बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके केन्द्र का उत्पाद पलाश के नाम से बाजार में बेचा जाता है। इससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
समय के सदुपयोग के साथ आमदनी भी: स्मिता
तेल निकालने के काम में लगी स्मिता देवी का कहना है कि पहले उनके पास कुछ काम नहीं था। वे सभी भले ही सवयं सहायता समूह से जुड़ी थीं, लेकिन जेएसएलपीएस द्वारा करीब 8 लाख से अधिक की लागत से लगाए गए मशीन के कारण आज तेल निकालने का काम कर रही हैं। समय का सदुपयोग हो रहा है, साथ ही पैसे भी कमा रही हैं। अब पैसे के लिए किसी पर उन्हें आश्रित होने की जरूरत नहीं है। आशा देवी भी मानती हैं कि वे सभी आत्मनिर्भर बन रही हैं।
दारू बीडीओ राम रतन बरनवाल का मानना है कि ग्रामीण विकास विभाग और जेएसएलपीएस के सहयोग से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता मिली है। आज महिलाएं खुद का रोजगार कर औषधीय पौधों से तेल निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को जमीन पर उतारने का काम कर रही हैं। उन्होने कहा कि महिलाओं के इस कार्य को न केवल प्रसिद्धि मिल रही है, बल्कि तुलसी, लेमन ग्रास का तेल निकालने से आसपास का क्षेत्र भी सुगंधित हो रहा है, साथ ही लोगों को मचछर सहित कई तरह की बीमारियों से भी राहत मिल रही है।