ढाका। साल 2001 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश (सीपीबी) की रैली में विस्फोट करने के मामले में अदालत ने 10 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। ये लोग प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जिहाद के सदस्य हैं।
ढाका के तीसरे मेट्रोपोलियन सेशन्स कोर्ट जज एमडी रबि-उल-आलम ने यह फैसला सुनाया है।हरकत उल जिहाद के टॉप गनमैन मुफ्ती अब्दुल हनन इस मामले में आरोपित थे। इनका नाम बाद में चार्जशीट से हटा दिया गया था। उसे एक अन्य मामले में दोषी पाया गया।
दोषी मुफ्ती मैनुद्दीन शेख, आरिफ हसन सुमन, शब्बीर अहमद, शौकत उस्मान उर्फ शेख फरीद फैसला सुनाये जाने के समय कोर्ट में मौजूद रहे। जबकि, अन्य आरोपी जहांगीर आलम बदर, मोहिबुल मुत्ताकिन, अमीनुल मुर्सानिल, मुफ्ती अब्दुल हई, मुफ्ती शफिकुर रहमान और नूर इस्लाम फरार हैं।
इसके साथ ही अदालत ने हर दोषी पर 20,000 टके का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मोहम्मद मोशिउर रहमान, रफिकुल आलम मिराज को आरोपों से बरी कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी 2001 को ढाका के पलटन मैदान में सीपीबी की रैली पर ग्रैनेड से हमला किया गया था, जिसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
अदालत ने दो मामलों हत्याओं और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत सभी दोषियों को सजा सुनाई। घटना के दो साल बाद सीआईडी ने 27 नवम्बर 2003 को फाइनल रिपोर्ट जमा की थी, जिसमें किसी को भी आरोपी नहीं ठहराया गया था।
27 जनवरी 2005 को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रशासन को फिर से मामले की जांच करने के लिए कहा। जिसके बाद जांच अधिकारी इंस्पेक्टर मृणाल कांति साहा ने 27 नवम्बर 2013 को चार्जशीट फाइल की। इस चार्जशीट में 13 लोगों को आरोपी ठहराया गया था।