संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम होने के आसार कम नजर आ रहे हैं, क्योंकि यूरोपीय देशों खासतौर पर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के प्रयासों के बावजूद ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक के दरवाजे बंद कर दिए। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ईरान ने अमेरिका की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बीच ये बातें कहीं। विदित हो कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों संयुक्त राष्ट्र में पिछले दो दिनों से अमेरिका और ईरान के राष्ट्रपतियों के बीच ऐतिहासिक बैठक संभव बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि इससे पश्चिम एशिया में युद्ध का खतरा कम होगा।
राष्ट्रपति रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को कहा कि जब तक अमेरिका आर्थिक दबाव बरकरार रखता है, वह बातचीत नहीं करेंगे। रूहानी ने आगे कहा, ‘‘मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि प्रतिबंधों के बीच किसी भी प्रकार की वार्ता पर हमारा जवाब नकारात्मक होगा।’’
उन्होंने ट्रम्प के साथ फोटो खिंचवाने के विचार को खारिज करते हुए कहा, ‘‘फोटो वार्ता का पहला नहीं, अंतिम चरण है।’’ रूहानी ने अमेरिका द्वारा ईरान पर ‘‘लगाए गए इतिहास के सबसे कड़े प्रतिबंधों’’ का जिक्र करते हुए वार्ता करने की ट्रम्प प्रशासन की इच्छा पर संदेह जताया।
ईरानी राष्ट्रपति ने यह भी कहा, ‘‘जब एक बड़े देश को चुपचाप खत्म किए जाने एवं आठ करोड़ 30 लाख ईरानियों पर दबाव बनाने का अमेरिकी सरकार के अधिकारी स्वागत कर रहे हैं, तो कोई उन पर कैसे भरोसा कर सकता है?’’ रूहानी ने कहा, ‘‘ईरान इन अपराधों और इन अपराधियों को कभी भूलेगा नहीं और उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।’’
उधर राष्ट्रपति ट्रम्प ने आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने से पहले ही इनकार कर चुके थे और रूहानी के भाषण से कुछ घंटे पहले ही उनके प्रशासन ने प्रतिबंध कड़े करने की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि साल 2015 में पश्चिमी देशों और ईरान के बीच एक परमाणु समझौता हुआ था, लेकिन पिछले साल अमेरिका एकतरफा इससे अलग हो गया और ईरान की अर्थव्यवस्था को तोड़ने के लिए फिर से प्रतिबंध लगा दिया।