इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आतंक निरोधी कोर्ट ने गुरुवार को टेरर फंडिंग मामले में मुंबई बम धमाकों के मास्टर माइंड और कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को साढ़े 10 साल की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने जफर इकबाल और याहया मुजाहिद को 10-10 साल की सजा सुनाई। हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने की सजा सुनाई है। इससे पहले एफएटीएफ में कार्रवाई के डर से हाफिज सईद की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। ज्ञात रहे कि इससे पहले फरवरी महीने में हाफिज सईद और उसके कुछ सहयोगियों को 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
इससे पहले पाकिस्तान की आतंक निरोधी कोर्ट ने हाफिज सईद के प्रवक्ता को 32 साल की सजा सुनाई थी। जमात-उद-दावा प्रवक्ता याहा मुजाहिद था। यह सजा टेरर फंडिंग मामले में हुई है। कोर्ट ने जमात-उद-दावा से जुड़े दो अन्य लोगों को भी सजा सुनाई थी। इसमें हाफिज का भतीजा प्रोफेसर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की भी शामिल था। उसे एक साल की सजा सुनाई गई थी।
हाफिज सईद के नेतृत्व में मुंबई में 2008 के हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई। इस हमले में 10 आतंकियों ने मुंबई के 166 लोगों की हत्या कर दी थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इसके बाद हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा “वैश्विक आतंकवादी” घोषित किया गया था। इसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया। हाफिज सईद को पिछले साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय दबाव के साथ टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान एक्शन टास्क फोर्स के दबाव में यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि हाफिज सईद के खिलाफ दर्ज 41 किए गए सिर्फ 4 मामलों में सजा मिली। बाकी मामलों में सुनवाई जारी है।
इससे पहले एटीसी लाहौर ने पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आतंक के वित्तपोषण के दो और मामलों में जमात-उद-दावा के जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की और मुहम्मद अशरफ को दोषी ठहराया था। दोनों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 16 साल की सामूहिक कारावास की सजा दी गई थी।