लंदन: पिछले दस महीनों से समूची दुनिया कोरोना वायरस से त्रस्त है। हर किसी के अंदर कोरोना का खौफ देखा जा सकता है। कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीन तैयार करने में भी सारी दुनिया लगी हुई है। लेकिन चौंकाने वाली खबर यह है कि ब्रिटेन अपने यहां लोगों के अंदर जानबूझकर कोरोना वायरस डालने की तैयारी कर रहा है। जानना चाहेंगे क्यों?
आपको बता दें कि ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन सकता है, जहां कोविड चैलेंज ट्रायल के तहत जानबूझकर इंसानों के शरीर में कोरोना वायरस डाला जाएगा।
वालंटियर्स पर किए जाने वाले इस ट्रायल का मकसद संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के प्रभाव की जांच करना है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह प्रयोग लंदन में किया जाएगा। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह ह्यूमन चैलेंज स्टडी के जरिए वैक्सीन बनाने को लेकर विचार विमर्श कर रही है।
इलाज के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अभी इस तरह के किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुआ है। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि हम ह्यूमन चैलेंज स्टडी के जरिए संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर कैसे सहयोग कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि यह चर्चा हमारे कोरोना वायरस को रोकने, उसके इलाज के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है ताकि हम इस महामारी का जल्द से जल्द खात्मा कर सकें।
बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन के विकास का काम बहुत तेजी से चल रहा है। विश्वभर में 36 कोरोना वायरस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका और चीन की वैक्सीन अपने अंतिम चरण में हैं। रूस ने तो दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का दावा किया है। हालांकि दुनिया के कई देशों ने रूसी दावे पर सवाल उठाया है।
ह्यूमन चैलेंज स्टडी में भाग लेने वाले लोगों को खतरा
आश्चर्य की बात यह है कि ब्रिटिश सरकार के इस कोरोना चैलेंज ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में देश के युवा और स्वस्थ वॉलंटियर्स तैयार हैं। इस ट्रायल से तत्काल यह पता चल सकेगा कि क्या कोरोना वैक्सीन काम करती है या नहीं। इससे कोरोना के लिए सबसे कारगर वैक्सीन का जल्दी से चुनाव किया जा सकेगा। ट्रायल में हिस्सा लेने वाले लोगों की लंदन में 24 घंटे निगरानी की जाएगी। माना जा रहा है कि यह प्रयोग जनवरी में शुरू हो सकता है।