दरभंगा। दरभंगा की 15 साल की ज्योति जब अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठा 1200 किलोमिटर सफर कर गुड़गांव से दरभंगा पहुंची तो उसकी चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति की कहानी को ट्वीट किया तो वह सोशल मीडिया पर छा गई। हर ओर ज्योति की हौसले और हिम्मत की चर्चा होने लगी।
इंवाका ट्रंप के टवीट के बाद ज्योति ने एक टेलिविजन चैनल से बात करते हुए कही कि इवांका दीदी को थैक्स कहना चाहती हूं। ज्योति ने कहा कि वह साइकिलिंग रेस जीतेगी उसके बाद इवांका दीदी से मिलने अमेरिका जाएगी।
ज्योति बताती है जब लॉकडाउन हुआ तो हम सब बहुत परेशान हो गए। बीमार पिता से बात की लेकिन वह साइकिल पर बैठकर घर चलने को तैयार नहीं हुए। पिता ने ज्योति से कहा कि साइकिल से घर जाने में दिक्कत बहुत हाेगी। लेकिन ज्याेति ने हिम्मत नहीं हारी और पिता को साइकिल से ही चलने के लिए मना लिया। ज्याेति के मुताबिक मोदी सरकार की तरफ से उनके खाते में एक हजार रुपया आया। इसमें से 500 रुपये की साइकिल खरीदी और बचे पैसे को कैश रख लिया। रास्ते में लोग खाना खिला रहे थे, इसलिए वो पैसा भी खर्च नहीं हुआ।
शिक्षा और साइकिलिंग के क्षेत्र में कमाना चाहती हैं नाम
अपने हौसले और हिम्मत से चर्चा में आयी दरभंगा की बेटी ज्योति अब शिक्षा और साइकिलिंग के क्षेत्र में नाम कमाना चाहती है। फिलहाल उसकी इच्छा दरभंगा में ही पढ़ाई करने की है। साथ ही प्रैक्टिस करने के लिए एक अच्छी साइकिल चाहती है। इवांका ट्रंप की ओर से तारीफ किये जाने से उत्साहित ज्योति ने शनिवार को ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि अभी हमें सबसे अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है। उसने कहा कि मीडिया में मेरा नाम आने के बाद रोज घर पर कई लोग मिलने आते हैं। कुछ लोगों ने आर्थिक मदद की भी है। कुछ ने मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन हमें अभी तक उस प्रकार की मदद नहीं मिली है जिससे हम खेल या पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।