अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को एक बार फिर से चीन के ऐप टिकटॉक को बैन करने की बात दोहराई। दूसरी तरफ ये भी खबर है कि माइक्रोसॉफ्ट इस चीनी ऐप का मालिकाना हक खरीद सकती है।
ट्रम्प प्रशासन बाइटडांस को टिकटॉक से अमेरिका में अपना मालिकाना हक बेचने का आदेश भी दे सकता है
टिकटॉक पर अमेरिका के लोगों की निजी जानकारियों चीन भेजने का आरोप है, कई नेताओं ने बैन करने का समर्थन किया है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि टिकटॉक ऐप को बैन किए जाने पर विचार जारी है। व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प ने कहा- हम टिकटॉक को बैन कर सकते हैं। कुछ और भी विकल्प हैं। देखते हैं, इस मामले में आगे क्या होता है। इंतजार करना चाहिए।
ट्रम्प इससे पहले भी कई बार टिकटॉक पर बैन की बात कह चुके हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और कई बड़े अफसर भी उनकी बात दोहरा चुके हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, टिकटॉक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। यह लोगों की निजी जानकारी चीन भेजता है।
सोमवार तक टिकटॉक खरीदने का सौदा तय हो सकता है
ऐसी खबरें हैं कि माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस से बात कर रही है। इसके तहत माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में टिकटॉक का बिजनेस खरीद सकती है। सोमवार तक सौदा तय होने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते फाइनेंशियल टाइम्स ने दावा किया था कि अमेरिकी कंपनी सिकोइया और जनरल अटलांटिका इसे खरीदने की योजना बना रही है। दोनों कंपनियां ट्रेजरी विभाग से यह पता लगा रही थीं कि अमेरिकी कंपनियों के खरीदने पर क्या बैन रुकवाया जा सकता है या नहीं।
टिकटॉक को मालिकाना हक बेचने के लिए कहा जा सकता है
ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रम्प प्रशासन बाइटडांस को टिकटॉक से मालिकाना हक बेचने का आदेश दे सकता है। इससे जुड़ा आदेश एक दो दिन में जारी हो सकता है। टिकटॉक बैन करने का कई नेताओं ने समर्थन किया। सीनेटर मार्को रुबियो ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा फॉर्मेट में यह ऐप हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। कुछ सीनेटर्स ने बैन की मांग को लेकर अटॉर्नी जनरल को लेटर भी लिखा है।
चीन से दूरी बना रही टिकटॉक की पैरेंट कंपनी
टिकटॉक मैनेजमेंट कुछ महीनों से बीजिंग से दूरी बनाने में जुटा है। मई में ही इसने डिजनी से जुड़े केविन मेयर को अपना सीईओ बनाया है। इसकी पैरेंट कंपनी बाइट डांस के ऑफिस लास एंजिल्स, लंदन, पेरिस, बर्लिन, दुबई, मुंबई, सिंगापुर, जकार्ता, सिओल और टोक्यो में हैं। कंपनी ने पिछले महीने अपना हेडक्वार्टर बीजिंग से वॉशिंगटन शिफ्ट करने की बात भी कही थी। इसने अपने ऊपर लगे जासूसी करने के आरोपों से भी इनकार किया था।