उर्मिला चतुर्वेदी ने कहा कि पूजन में शामिल नहीं हो पाने से वे दुखी हैं, लेकिन इसे वे राम की इच्छा मानकर संतोष करती हैं।
उर्मिला चतुर्वेदी ने 6 दिसंबर 1992 को संकल्प लिया था कि मंदिर निर्माण शुरू होने पर ही अन्न ग्रहण करेंगी
उर्मिला अयोध्या में ही अन्न ग्रहण करना चाहती हैं, परिवार वाले समझा रहे कि अभी वहां जाना संभव नहीं
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होते ही मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाली 81 साल की महिला की तपस्या पूरी हो जाएगी। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद दंगे हुए तो उन्होंने संकल्प लिया था कि राम मंदिर की नींव रखे जाने तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। तब से ही वे फलाहार के साथ राम नाम जपते हुए उपवास पर हैं।
जबलपुर के विजय नगर में रहने वाली उर्मिला देवी ने उपवास शुरू किया था, तब उनकी उम्र 53 साल थी। पहले लोगों ने उन्हें बहुत समझाया कि उपवास तोड़ दें, लेकिन वे अडिग रहीं। मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर वे बेहद खुश हुईं थीं। उन्होंने फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बधाई दी थी।
5 अगस्त को अन्न ग्रहण करेंगी अभी यह तय नहीं
अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। उर्मिला उस दिन दिनभर घर में राम नाम का जाप करेंगी। वे चाहती हैं कि अयोध्या जाकर राम लला के दर्शन करने के बाद ही अन्न ग्रहण करें। उनके परिवार वाले समझा रहे हैं कि कोरोना की वजह से अयोध्या के कार्यक्रम में सिर्फ आमंत्रित लोग ही जा सकते हैं। ऐसे में उन्हें घर पर ही उपवास तोड़ लेना चाहिए, लेकिन वे इसके लिए अभी राजी नहीं हुई हैं।
बाकी जीवन अयोध्या में बिताना चाहती हैं
उर्मिला का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का बनना उनके लिए पुनर्जन्म जैसा है। वे कहती हैं कि संकल्प तो पूरा हो ही गया अब उनकी बस इतनी इच्छा है कि अयोध्या में थोड़ी सी जगह मिल जाए, ताकि बाकी जीवन वे वहां बिता सकें।