उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में फतेहगंज पश्चिमी के एक गांव में खेल-खेल में एक साल का बच्चा जिंदा सांप निगल गया। उसकी मां ने सांप की पूंछ जब मुंह के बाहर लटकी देखी तो उसके होश उड़ गए। उसने तुरंत भागकर सांप की पूंछ पकड़कर उसे बच्चे के मुंह से बाहर खींचा। सांप को बाहर निकालने के बाद घबराए परिवार वाले तुरंत बच्चे और सांप को लेकर जिला अस्पताल गए, जहां उसे भर्ती कर लिया गया।
फतेहगंज पश्चिमी के गांव भोलापुर निवासी धर्मपाल ने बताया कि उनका एक वर्षीय बेटा देवेन्द्र शनिवार सुबह घर पर खेल रहा था। उसकी मां सोमवती घर के कामों में व्यस्त थी। धर्मपाल खुद अपने काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे।
उसी दौरान खेल रहे बच्चे के पास अचानक सांप का एक बच्चा आ गया। देवेन्द्र ने नादानी में उसे उठा लिया और खेलने लगा। इसके बाद उसने सांप के बच्चे को मुंह में रख कर निगलना शुरू कर दिया और सांप धीरे-धीरे अंदर जाने लगा।
सांप और बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन
धर्मपाल ने बताया कि सोमवती ने ध्यान दिया कि देवेन्द्र काफी समय से कुछ खा रहा है और लगातार अपना मुंह चला रहा है। सोमवती उसके पास गई तो देवेंद्र के मुंह में सांप की पूंछ दिखी। सोमवती ने तुरंत सांप की पूंछ पकड़कर उसे बाहर खींच लिया। इसके बाद सांप और देवेन्द्र को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंच गए। वहां पर मौजूद ईएमओ डॉक्टर हरिश चन्द्रा ने देवेन्द्र को भर्ती कर लिया। उसकी हालत खतरे से बाहर होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
सात इंच का था सांप का बच्चा, दम घुटने से मरा
देवेन्द्र के मुंह से निकाले गए सांप के बच्चे की लंबाई सात इंच थी। उसका फन भी निकलना शुरू हो गया था। बच्चे ने उसे मुंह में रखकर चबाने की कोशिश की थी। बच्चे के मुंह में दम घुटने से सांप की मौत हो गई। घर पहुंचने के बाद देवेन्द्र के परिवार वालों ने सांप के बच्चे जंगल में ले जाकर दफन कर दिया।
बच्चे की भी जा सकती थी जान
सांत इंच लंबा सांप होने के कारण बच्चे की जान पर भी खतरा था। डॉक्टरों का कहना है कि यदि सांप को बाहर नहीं निकाला जाता तो शायद बच्चे का भी दम घुट सकता था और उसकी भी जान जा सकती थी।