बिहार के छोटे से शहर मनेर के लड्डू जिस तरह विश्व प्रसिद्ध हैं, उसी तरह चेनारी के गुड़ के लड्डू भी बेहद खास हैं. फ्रांस के इतिहासकार जॉन बुकानन ने इन लड्डुओं के स्वाद को रोहतासगढ़ किले में छिपा एक खजाना बताया है. कहते हैं सोन नदी का पानी इन लड्डुओं में मिठास घोलता है. खास बात ये भी है कि बिहार में अभी चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में जो भी नेता आता है, वो इन लड्डुओं का स्वाद चखे बिना नहीं जाता है.
अयोध्या के राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहितश्वर द्वारा बसाए गए रोहतासगढ़ किले के नाम पर इस शहर का नाम रोहतास रखा गया. कैमूर की पहाड़ियों और सोन नदी से घिरा रोहतास जितना अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है, उतना ही अपने लड्डुओं के लिए भी.
रोहतास गढ़ के किले में छिपे खजाने की कहानी आज भी चर्चा में रहती है. फ्रांस के इतिहासकार जॉन बुकानन ने 200 साल पहले किले के 77 खजानों का जिक्र अपनी डायरी में किया है. इसमें से ही चेनारी के लड्डू के स्वाद को भी एक खजाना बताया है. स्वादिष्ट होने के साथ ही ये लड्डू पौष्टिक भी माने जाते हैं.
कहा जाता है कि सर्दी के दिनों में इन्हें खाने से स्वास्थ्य पर विशेष लाभ होता है. चेनारी के इंदिरा चौक पर कृष्ण मोहन गुप्ता की दुकान इन लड्डुओं के लिए बेहद प्रसिद्ध है. उन्होंने बताया कि ये लड्डू 15 दिनों तक खराब नहीं होता है. साथ ही इसकी कीमत भी बेहद कम है, ये लड्डू 120 से 150 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मिलता है.
कृष्ण मोहन गुप्ता बताते हैं कि ये लड्डू चिरौंजी, खसखस, पिस्ता, किशमिश और नारियल को मिलाकर तैयार किए जाते हैं. लड्डू को बनाने में शुद्ध देशी घी का उपयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि 60 वर्षों से उनके यहां ये लड्डू बनाए जा रहे हैं.
यहां के लड्डू विदेशों में भी भेजे जाते हैं. चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में जब भी नेता आते हैं, इस लड्डू को अवश्य ले जाते हैं.
कृष्ण मोहन गुप्ता ने बताया कि इन लड्डू की खासियत है ये गुड़ से तैयार होने के कारण काफी स्वादिष्ट होते हैं. गुड़ की मिठाई खासकर लड्डू का ट्रेंड एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है.