मध्य प्रदेश के जिला अशोकनगर में बुजुर्ग दंपति को सुबह की चाय ने मौत की नींद सुला दिया. वृद्धा की कमजोर निगाहें चाय-पत्ती को नहीं पहचान सकीं. चाय-पत्ती कम पड़ने पर वृद्धा दूसरे कमरे से चाय-पत्ती की जगह कीटनाशक उठा लाई और उबलते पानी में उसने कीटनाशक भी डाल दिया. इस चाय को पीने से बुजुर्ग दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा उपचार के बाद सही हो गया.
थाना मुंगावली क्षेत्र के कछियाना मोहल्ले के रहने वाले बुजुर्ग दंपति श्रीकिशन सेन और कोमलबाई के लिए सुबह की चाय उनकी आखिरी चाय होगी किसी ने सोचा भी नहीं होगा. रोज की तरह पति श्रीकिशन मंदिर जाने के लिए तैयार हो रहे थे. पत्नी कोमलबाई रसोई में गईं और चाय बनाने लगीं. चाय-पत्ती खत्म हो गई, तो वे दूसरे कमरे में गईं. वृद्धा की आंखें कमजोर थीं, जिसके चलते कम देख पाती थीं. इसी धोखे में वे चाय-पत्ती की जगह पैकेट में रखी कीटनाशक दवा उठा लाईं.
किचन में आकर उन्होंने उबलते पानी में कीटनाशक भी डाल दिया. अपने पति को चाय दी और बेटे को जगाने के बाद खुद भी चाय पी ली. चाय पीने के बाद श्रीकिशन सेन साइकिल से मंदिर के लिए निकल गये. वे कुछ दूर पहुंचे, तभी चक्कर खाकर गिर पड़े. इस दौरान बेटे ने भी चाय पी, तो उसे कड़वी लगी. उसने चाय को रखा छोड़ दिया. इसी दौरान पड़ोसी श्रीकिशन की खबर लेकर उसके दरवाजे पर पहुंच गये.
श्रीकिशन को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उधर घर में मौजूद कमलाबाई और बेटे जितेंद्र की हालत भी खराब होने लगी. उन दोनों को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने कमलाबाई को भी मृत घोषित कर दिया, जबकि जितेंद्र को उपचार के दौरान बचा लिया गया.
मामले की जानकारी मिलते ही मुगावली थाना प्रभारी सोनपाल सिंह तोमर भी मौके पर पहुंच गये. थाना प्रभारी ने बताया कि गलती से चाय-पत्ती की जगह कीटनाशक दवा डाली गई थी. मामले की छानबीन की जा रही है. वहीं एक साथ बुजुर्ग दंपति की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया. एक चिता पर ही दोनों का अंतिम संस्कार किया गया.