नई दिल्ली| एम्स के डायरेक्टर, डॉ रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को बुखार कम ना होने, ऑक्सीजन की कमी, होम आइसोलेसन समेत कई अहम पहलूओं पर विस्तार से बताया है| साथ ही बताया कि होम आइसोलेशन में क्या करें, क्या न करें, रेमडेसिविर या आइवरमेक्टिन कब लें, इनहेलर से फायदा है या नहीं, ऑक्सीजन की कब जरूरत होगी, इस पर विस्तार से समझाया है| आए जाने कुछ अहम बातें-
- बुखार के लिए पैरासेटमॉल, जुकाम के लिए एंटी एलर्जिक, खांसी के लिए कोई भी कफ सिरफ और दिन में दो बार नमक के गरारे और भाप ले|
- अगर बुखार 101-102 डिग्री रह रहा है और पैरासिटमॉल-650 से कम नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें| जहां वह नेप्रोक्सॉन जैसी दवा दे सकते हैं|
- जिन मरीजों को बुखार या खांसी पांच दिनों से ज्यादा समय से है और ठीक नहीं हो रही, वे इनहेलर ले सकते हैं| बुडेसोनाइड की 800 माइक्रोग्राम दिन में दो बार पांच से सात दिन तक इनहेलर के जरिये ले सकते हैं|
- रेमडेसिविर को घर पर बिल्कुल न लें” इस दवा के अपने साइडइफेक्ट्स हैं और सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए यह दवा एडवाइज की जा रही है|
- पहली बार लक्षण आने के 10 दिन बाद होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं| बिना लक्षण वाले मामलों में टेस्ट कराने के 10 दिन बाद या फिर लगातार तीन दिनों तक बुखार न हो तब भी होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है|
- अगर छठे या सांतवें दिन के बाद से बुखार नहीं हुआ हो और आप 10 दिन पूरे कर लेते हों तब होम आइसोलेशन की जरूरत नहीं है|
- होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद फिर टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है| कम और बिना लक्षण वाले मामलों में सातवें-आठवें दिन तक वायरस मर चुका होता है या ऐसी स्थिति में नहीं होता कि किसी दूसरे को संक्रमित कर सके| वायरस कभी-कभार आरटीपीसीआर में दो-तीन हफ्तों तक रह सकता है| लेकिन वह डेड वायरस है, वायरस के पार्टिकल्स हैं जो टेस्ट में डिटेक्ट होते हैं| इसलिए टेस्ट करने की जरूरत नहीं है| अगर 10 दिन हो गये हों और आप एसिम्प्टोमैटिक हैं या फिर पिछले तीन दिनों से आपको बुखार न आया हो, तो आप होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं|
- ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 90 के आसपास हो, सांस लेने में दिक्कत आये, छाती में एकदम दर्द हो रहा हो या भारीपन हो रहा हो मरीज सुस्त लगे, रिस्पॉन्ड नहीं करे, कन्फ्यूज लगे, सही से जवाब नहीं दे पाये तो यह है आपके शरीर में ऑक्सीजन काम होने के लक्षण