हजारीबाग। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अभय सिन्हा का 1 जुलाई की सुबह पटना में इलाज के दौरान निधन हो गया। 45 वर्षीय प्रोफेसर सिन्हा पिछले 2 महीने से पटना स्थित कंकड़बाग के मेडीवरसल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इलाजरत थे।
गुरुवार की सुबह उन्होंने उक्त हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
प्रोफेसर सिन्हा के निधन की खबर आते ही पूरे विश्वविद्यालय परिवार में शोक की लहर फैल गई। उनके व्यक्तित्व की चर्चा पूरे दिन होते रही। विनोबा भावे विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ ने प्रोफेसर सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसी अपूरणीय क्षति बताई है। शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक गतिविधियों में उनकी दमदार सहभागिता होती थी। विश्वविद्यालय में जब सातवां दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी का आगमन हुआ था तब उस कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अभय सिन्हा ने किया था। विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। वर्ष 2016-17 में विश्वविद्यालय को 100 से 150 रैंक दिलवाने में उन्होंने कड़ी मेहनत की थी तथा सफलता पाई थी कुलाधिपति के द्वारा नामित अभिषद सदस्य के रूप में उनकी विशेष पहचान थी। यूरोपीय संघ की योजना इरास मंडस के माध्यम से उन्होंने विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। प्रोफेसर सिन्हा बहु आयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। विश्वविद्यालय के तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के वे मेरुदंड थे।