नई दिल्ली। दुनिया में कई जहरीले जीव होते हैं. इनमें सबसे ज्यादा इंसानों और अन्य जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं सांप (Snake). विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल दुनिया में सांप 54 लाख लोगों को काटते हैं. जिनमें से 81 हजार से लेकर 1.38 लाख लोग मारे जाते हैं. क्योंकि इनके पास इतना समय भी नहीं होता कि वो पानी तो क्या हवा भी मांग सके. दर्द, जलन, भ्रम और जहर के असर से तड़प-तड़प कर मर जाता है. दुनियाभर के जहरीले सांप ऐसे टॉक्सिक यानी विष का उपयोग करते हैं जो किसी भी जीव को कुछ सेकेंड्स में मौत की नींद सुला देता है. सांपों में ये जहर लाखों सालों में विकसित हुए हैं, ताकि वो अपनी रक्षा कर सकें. आइए जानते हैं दुनिया के 10 उन जहरीले सांपों के बारे में जिनके काटने पर इंसान कुछ मिनटों में खत्म हो जाता है.
1. ब्लैक मांबा (Black Mamba)
अफ्रीका का सबसे जानलेवा सांप है ब्लैक मांबा (Black Mamba). वैज्ञानिक भाषा में इसे डेंड्रोआप्सिस पॉलीलेप्सिस (Dendroaspis polylepis) कहते हैं. इसके दो बूंद जहर से इंसान की मौत तय है, अगर सही समय पर इलाज न मिले तो इसका जहर शरीर में जाते ही नर्वस सिस्टम और मासंपेशियों के जोड़ को निष्क्रिय कर देता है. जिससे इंसान लकवाग्रस्त हो जाता है. इसका जहर कार्डियोटॉक्सिक (Cardiotoxic) होता है. इससे दिल का दौरा पड़ता है. हालांकि, 20 मिनट के अंदर इलाज मिल जाए…तो भी इसका जहर खत्म नहीं होता और इंसान कुछ दिन में मारा जाता है. यह सांप 8 फीट लंबा होता है. इसके मुंह के अंदर का रंग स्याही जैसा होता है. यह 19 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से भाग सकता है.
2. फर-डे-लांस (Fer-De-Lance)
फर-डे-लांस (Fer-De-Lance) को वैज्ञानिक भाषा में बोथ्रोप्स एस्पर (Bothrops Asper) कहते हैं. इसका जहर इंसान के शरीर में घुसते ही शरीर को काला करना शुरु कर देता है. ये आमतौर पर पिट वाइपर्स (Pit Vipers) होते हैं. मध्य और दक्षिण अमेरिका में बहुतायत में पाए जाते हैं. इनकी लंबाई 3.9 से 8.2 फीट तक हो सकती है. वजह अधिकतम 6 किलोग्राम. मध्य अमेरिका में सांपों के काटने के आधे मामले इनके होते हैं. इसके जहर में एंटीकॉगुलेंट (Anticogulant) होता है, जिससे खून जमता नहीं. इसके काटने से हेमोरेज (Hemorrhage) होने की पूरी आशंका रहती है. मादा फर-डे-लांस सांप एक बार में 90 खतरनाक सांपों को पैदा करने में सक्षम होती है.
3. बूम्सलैंग
इस सांप को साउथ अफ्रीकन ग्रीन ट्री स्नेक भी कहते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम डिस्फोलिडस टाइपस (Dispholidus typus) है. इसका बच्चा भी अगर काट ले तो अगले 24 घंटे में एक वयस्क इंसान के आंख, फेफड़ों, किडनी, दिल और ब्रेन से ब्लीडिंग होने लगती है. यह सांप अफ्रीका के स्वाजीलैंड, बोत्सवाना, नामीबिया, मोजाम्बीक और जिम्बॉवे में मिलते हैं. इनके सर्पदंश यानी जहरीले दांत अन्य सांपों के बजाय पीछे की ओर होते हैं. इनका जहर हेमोटॉक्सिक (Hemotoxic) होता है. जहर से शरीर के अंदर और बाहर ब्लीडिंग शुरु हो जाती है. यहां तक शरीर के सभी छिद्रों से खून की धार बहने लगती है.
4. ईस्टर्न टाइगर स्नेक (Eastern tiger Snake)
ईस्टर्न टाइगर स्नेक (Eastern tiger Snake) दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया के पहाड़ों और घास के मैदानों में पाया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम नोटेचिस स्कूटैटस (Notechis Scutatus) है. टाइगर स्नेक नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसके शरीर पर पीले और काले रंग के बैंड्स होते हैं. इसके जहर से इंसान 15 मिनट के अंदर खत्म हो जाता है. इसके जहर के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं है. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में इसने एक इंसान को काटा था. हर साल इसकी वजह से कम से कम एक इंसान तो मारा ही जाता है.
5. रसेल वाइपर (Russel Viper)
भारत में इस सांप की वजह से हर साल करीब 58 हजार लोगों की मौत होती है. रसेल वाइपर (Russel Viper) का वैज्ञानिक नाम डाबोइया रसेली (Daboia Russelii) है. यह ट्रू वाइपर्स सांपों की सबसे खतरनाक प्रजाति है. श्रीलंका में यह चावल के खेतों में अक्सर किसानों को काट लेता है. इसके काटने से किडनी फेल हो जाती है. भयानक स्तर की ब्लीडिंग होती है. एक साथ कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. यानी इसके काटने से बचने का चांस एकदम ही कम होता है. इसके काटने पर आमतौर पर इंसान रीनल फेल्योर की वजह से मरता है.
6. सॉ-स्केल्ड वाइपर (Saw-Scaled Viper)
सॉ-स्केल्ड वाइपर (Saw-Scaled Viper) को वैज्ञानिक भाषा में एचिस कैरिनेटस (Echis Carinatus) कहते हैं. भारत में मौजूद चार बड़े वाइपर सांपों में यह आकार में सबसे छोटा होता है. लेकन यह रसेल वाइपर, करैत और कोबरा को टक्कर देता है. ये सांप अपने मुंह से हिस्स की आवाज नहीं निकालते. बल्कि अपनी त्वचा पर बने स्केल्स को इतनी जोर से हिलाते हैं कि उससे घिर-घिर की आवाज आती है. इसके डंसने पर घाव वाला स्थान सूज जाता है. दर्द भयानक होता है. इसकी वजह से शरीर के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है. किडनी फेल हो जाता है. अगर इसके काटे इंसान को बचाना है तो एक-दो घंटे में एंटीवेनम देना होता है. इसके जहर को काटने के लिए 9 तरह के एंटीवेनम भारत में मौजूद हैं.
7. बैंडेड करैत (Banded Krait)
बैंडेड करैत (Banded Krait) यानी बंगैरस फैसिएटस (Bungarus Fasciatus) एक धीमी रफ्तार में चलने वाला सांप है. यह आमतौर पर अंधेरे में काटता है. इसके काटने से मांसपेशियां लकवाग्रस्त हो जाती हैं. शरीर का डायफ्राम काम करना बंद कर देता है. इसकी वजह से फेफड़ों में हवा जाना बंद हो जाता है. जिसकी वजह से आदमी सांस फूलने से मर जाता है.
8. किंग कोबरा (King Cobra)
किंग कोबरा (King Cobra) दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप होता है. इसकी लंबाई 18 फीट तक हो सकती है. यह किसी भी इंसान को 300 फीट दूर से देख लेता है. अगर खतरा महसूस हुआ तो ये अपने ताकतवर मांसपेशियों गर्दन के आसपास एक हुड यानी फन फैला लेता है. ये अपने शरीर का करीब एक तिहाई हिस्सा जमीन से ऊपर उठा सकता है. इसका वैज्ञानिक नाम ओफियोफैगस हाना (Ophiophagus Hannah) होता है. इसके काटने पर 7 मिलिलीटर जहर शरीर में जाता है. अगर इसने तीन या चार बार डंस लिया तो बचने की कोई संभावना नहीं. एक ही बार काटने पर यह 15 मिनट में एक बड़े वयस्क हाथी को मार सकता है. इंसान तो एक-दो मिनट भी जिंदा नहीं रहता.
9. कोस्टल तैपान (Coastal Taipan)
कोस्टल तैपान (Coastal Taipan) को वैज्ञानिक भाषा में ऑक्सीयूरेनस स्कूटेलैटस (Oxyuranus scutellatus) कहते हैं. यह इतनी तेजी में काटकर भागता है कि आप इसे देख ही नहीं सकते. अगर खतरा महसूस हुआ थो यह उछलकर अपने शिकार पर पूरी सटीकता के साथ डंसता है. इसका जहर हमेशा लोगों को नहीं मारता, लेकिन मात्रा ज्यादा हो और इलाज न मिले तो इंसान मर सकता है. यह नमी वाले स्थानों पर ज्यादा रहता है. जंगल जैसी जगहों पर.
10. इनलैंड तैपान (Inland Taipan)
इनलैंड तैपान (Inland Taipan) दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से एक है. ये आमतौर पर आधा ही डंसता है. यह आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. यह जल्दी इंसानों के संपर्क में नहीं आता. इसकी वजह से कई जंगली जीव मारे जाते हैं. यह हमला करने से पहले अपने शरीर को तेजी से सिकोड़ लेता है. उसके बाद अचानक तीर की तरह आगे बढ़कर डंसता है. इसका जहर हैल्यूरोनिडेस एंजाइम (hyaluronidase enzyme) होता है. इससे शरीर की जहर खींचने की ताकत बढ़ जाती है और इंसान मर जाता है.